ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के उपाय करने के लिए भारतीय बैंकों ने एक फ्रेमवर्क तैयार किया है. इन बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को उस फ्रेमवर्क की जानकारी दी है. उपायों में नए बैंक खातों में ट्रांजेक्शन लिमिट लगाने, फ्रॉड घोषित हो चुके बैंक खाते को निगेटिव श्रेणी में रखने और खाते में फ्रॉड घोषित होने के बाद उसमें फंड ट्रांसफर घटाने का सुझाव दिया गया है.
IBA का प्रस्ताव
बैंकों के संगठन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBI) ने ऐसे ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में एक मज़बूत एसओपी का निर्माण करने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही कानून प्रवर्तन के साथ एक अधिक प्रभावी इंटरफेस का भी सुझाव दिया है. आईबीए ने ये भी कहा है कि अगर किसी बैंक को पता चलता है कि किसी ग्राहक ने अपने खाते में किसी धोखाधड़ी या चोरी की राशि ली है तो उसके खाते को तुरंत ब्लॉक कर देना चाहिए और कानून के अनुसार आगे कार्रवाई करनी चाहिए.
बढ़ रही ऑनलाइन ठगी
IBA का कहना है कि नई-नई तकनीक के आने से ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ रही है. इस बात की पुष्टि रिज़र्व बैंक के आंकड़ों से भी होती है. रिज़र्व बैंक ने अपने एक नोट में कहा है कि वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान औसतन 55,653 ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में कम से कम एक फ्रॉड ट्रांजेक्सन पाई गई है. वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान औसतन 59000 ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में कम से कम एक फ्रॉड ट्रांजेक्शन मिली थी.यानी फ्रॉड ट्रांजेक्शन में वृद्धि हो रही है. इतना ही नहीं सर्वे एजेंसी ‘लोकल सर्कल्स’ की हाल ही में आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 39 फ़ीसदी भारतीय परिवार बीते तीन सालों के दौरान किसी न किसी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं. इनमें सिर्फ 24 फ़ीसदी परिवारों को ही उनका पैसा वापस मिल पाया.
कहां करें शिकायत
साइबर क्राइम या ऑनलाइन ठगी से जुड़ी घटनाओं की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेशनल हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया है. इस नबंर पर फ़ोन करके आप ऑनलाइन धोखधड़ी की शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा https://cybercrime.gov.in/ पर भी इसकी शिकायत कर सकते हैं. ये पोर्टल गृह मंत्रालय चलाता है.