इस बार के रबी सीजन से देश में जेनेटिकली मोडिफाइड (GM) सरसों की खेती शुरू होने की संभावना खत्म हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें केंद्र सरकार ने GM सरसों के पर्यावरण मंजूरी के आदेश पर लगाई रोक को हटाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि GM सरसों को हरी झंडी देने से पहले इसकी वजह से पर्यावरण पर होने वाले असर का पता करना जरूरी है, क्योंकि इस की खेती शुरू होने से अगर पर्यावरण को नुकसान हुआ तो उसकी भरपाई नहीं हो पाएगी.
केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और मांग की थी कि इस बार रबी की बुआई शुरू होने से पहले सुप्रीम कोर्ट GM सरसों पर लगाई रोक को वापस ले, ताकि समय रहते GM सरसों की खेती पर कार्य शुरू किया जा सके. देश में सरसों की खेती सितंबर से शुरू हो जाती है.
जीएम सरसों की मंजूरी को लेकर केंद्र सरकार ने अपने तर्क में यह भी बताया था कि देश को खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए जीएम सरसों की खेती शुरू किया जाना जरूरी है, इसकी वजह से देश में सरसों उत्पादन बढ़ेगा और खाने के तेल के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी. देश में जितना खाने का तेल खपत होता है उसमें 60-65 फीसद तेल आयात करना पड़ता है.
केंद्र सरकार के तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि GM सरसों की खेती अगर अगर 1-2 साल आगे पीछे भी शुरू होगी तो उससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन इसकी वजह से अगर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा तो उसकी भरपाई नहीं हो पाएगी जबकि खेती के लिए अगले साल फिर से नया सीजन आएगा.