लोगों को जल्द ही गड्ढे वाली सड़कों से छुटकारा मिलने वाला है. दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल के अंत तक राष्ट्रीय राजमार्गों को गड्ढा-मुक्त करने पर जोर दे रही है. इसके अलावा सड़कों का निर्माण बीओटी माध्यम से करने पर प्राथमिकता दी जा रही है.
गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढों से मुक्त हों इसके लिए एक नीति बनाई जा रही है. इस परियोजना को सफल बनाने के लिए युवा इंजीनियरों को साथ लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बारिश की वजह से राजमार्गों को नुकसान होने और गड्ढे बनने की आशंका को देखते हुए मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों का सुरक्षा ऑडिट कर रहा है. इसके अलावा परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय प्रदर्शन-आधारित रखरखाव और अल्पकालिक रखरखाव अनुबंधों को सशक्त बनाने में जुटा हुआ है.
आमतौर पर सड़कों का निर्माण तीन तरह से किया जाता है. इनमें ‘बनाओ-चलाओ-सौंप दो’ (बीओटी) के अलावा इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) और हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) शामिल हैं. ईपीसी माध्यम से बनाई जाने वाली सड़कों के रखरखाव की जरूरत काफी पहले पड़ने लगती है. वहीं बीओटी माध्यम से सड़कें बेहतर बनती हैं क्योंकि ठेकेदार को अगले 15-20 वर्षों तक रखरखाव की लागत वहन करनी होगी. इसलिए सरकार ने बड़े पैमाने पर बीओटी माध्यम से ही सड़कें बनाने का फैसला किया है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मंत्रालय ने 1,46,000 किलोमीटर लंबे समूचे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की मैपिंग कर ली है और इस साल दिसंबर तक गड्ढों को हटाने के लिए प्रदर्शन-आधारित रखरखाव और अल्पकालिक रखरखाव अनुबंधों को सशक्त बनाया जा रहा है.