अनचाहे कॉल्स और मैसेज से छुटकारा पाने के लिए अभी आपको 6 महीने इंतजार और करना होगा. दरअसल दूरसंचार नियामक ट्राई ने अनचाहे कॉल और मैसेज की पहचान कर उन्हें रोकने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार करने की समय सीमा बढ़ा दी है. अब व्यावसायिक कॉल या मैसेज भेजने वाली संस्थाओं और टेलीकॉम कंपनियों को 30 नवम्बर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित व्यवस्था डीसीए (Digital Consent Acquisition) लागू करनी होगी. दूरसंचार कंपनियों की ओर से इसके लिए छह महीने का समय मांगा गया है. इससे पहले ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को 13 जून को एआई आधारित प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया था और एक महीने के भीतर इससे लागू किया जाना था.
ट्राई ने व्यावसायिक और सरकारी संस्थाओं को ग्राहकों को कॉल या मैसेज भेजने की छूट दी है लेकिन इसके लिए उन्हें ग्राहकों की सहमति लेनी होगी. ट्राई ने मैसेज भेजने वाली संस्थाओं से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि ग्राहक को वही मैसेज भेजे जाएं जो वह चाहता है. साथ ही टेलीकॉम ऑपरेटर्स से कहा गया है कि ग्राहकों को जो मैसेज भेजे जाएं उनमें इस बात की जानकारी भी दी जानी चाहिए कि इस तरह के मैसेज को कैसे रोका जा सकता है. ग्राहक किसी भी वक्त इन्हें रोक सके और दोबारा शुरू कर सके ऐसी व्यवस्था बनानी होगी.
कब तक लेनी होगी सहमति
टेलीकॉम कंपनियां 31 जुलाई, 2023 तक डिजिटल सहमति के लिए जरूरी प्लेटफॉर्म तैयार कर लेंगी. इसके बाद एक अगस्त से कॉल/ मैसेज के लिए डिजिटल सहमति लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 31 अगस्त तक सहमति देने वालों के कॉल बैक नंबर की सूची तैयार होगी. इसके बाद एक सितंबर से बैंक, बीमा, वित्तीय और व्यवसायिक संस्थाओं को 30 सितंबर तक ग्राहकों से सहमति लेने का काम करना होगा. फिर बाकी संस्थाएं 30 नवंबर तक सहमति का ये काम निपटाना लेंगी.