गेहूं की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सोमवार को ही गेहूं पर स्टॉक लिमिट घोषित की है और स्टॉक लिमिट लगने के अगले दिन गेहूं का भाव 3 फीसद से ज्यादा टूट गया. मंगलवार को दिल्ली में गेहूं का भाव 2400 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो सोमवार को 2482 रुपए था. सोमवार को सरकार ने गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाने की घोषणा के साथ खुले बाजार में 15 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला भी किया है. इसकी वजह से भी कीमतों पर दबाव है. इससे पहले बीते डेढ़ महीने से गेहूं की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही थी. अप्रैल अंत में दिल्ली में भाव 2300 रुपए से नीचे हुआ करता था, जो जून के पहले हफ्ते में बढ़कर 2510 रुपए हो गया था.
सरकार को आशंका है कि गेहूं के कारोबारियों और किसानों ने अपने पास बड़ी मात्रा में गेहूं का स्टॉक होल्ड करके रखा हुआ है. फरवरी के दौरान दिल्ली में गेहूं का भाव 3200 रुपए प्रति क्विंटल के पार चला गया था और उसी भाव की उम्मीद में किसानों और कारोबारी अपना गेहूं बाजार में बेचने से परहेज कर रहे थे जिस वजह से सप्लाई सीमित हो रही थी और भाव बढ़ रहे थे. लेकिन अब सरकार ने स्टॉक लिमिट लगाई है जिसकी वजह से कारोबारी अपने पास ज्यादा स्टॉक नहीं रख सकेंगे और बाजार में सप्लाई बढ़ेगी.
स्टॉक लिमिट का आदेश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा. आदेश के तहत ट्रेडर्स एवं थोक कारोबारी 3000 मीट्रिक टन, रिटेल आउटलेट के खुदरा कारोबारी 10 मीट्रिक टन और बड़ी चेन के रिटेलर्स 10 मीट्रिक टन गेहूं रख सकेंगे. वहीं चेन के सभी आउटलेट पर 3 हजार टन गेहूं रखने की इजाजत होगी. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है.
ऊपर से सरकार ने खुले बाजार में अपने स्टॉक से 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है. हालांकि सरकार के गेहूं स्टॉक पर नजर डालें तो पिछले साल की तुलना में बहुत बेहतर स्थिति नहीं है. पहली जून तक केंद्रीय पूल में गेहूं का कुल स्टॉक 313.88 लाख टन दर्ज किया गया है, पिछले साल पहली जून को 311.42 लाख टन गेहूं केंद्रीय पूल में पड़ा हुआ था. इस साल किसानों से गेहूं की खरीद बढ़ने के बावजूद सरकार के गेहूं स्टॉक में बहुत बड़ा बदलाव नहीं आया है, क्योंकि पुराना गेहूं सीमित मात्रा में बचा हुआ था. सरकारी स्टॉक में सीमित गेहूं होने की वजह से खुले बाजार में सरकार की तरफ से गेहूं की बिक्री भी सीमित ही रहेगी.