सड़क दुर्घटना पीड़ितों को गोल्डन आवर के दौरान कैशलेस उपचार दिया जाएगा. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) अगले तीन से चार महीनों के भीतर देशभर में सभी घायल दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस चिकित्सा उपचार शुरू करने की योजना बना रहा है. दुर्घटना में घायल पीड़ितों को मुफ्त और कैशलेस चिकित्सा उपचार संशोधित मोटर वाहन अधिनियम 2019 (एमवीए2019) का हिस्सा है. केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के सचिव अनुराग जैन ने ये जानकारी दी है.
एमओआरटीएच के सचिव ने दी जानकारी
अनुराग जैन ने तीन दिवसीय ‘ग्लोबल रोड’ का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘एमवी संशोधन अधिनियम द्वारा परिभाषित गोल्डन आवर के दौरान सड़क दुर्घटना पीड़ितों को इस तरह का कैशलेस उपचार दिया जाएगा.’ सुरक्षा पहल’ का आयोजन भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ साझेदारी में और एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) के सहयोग से सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) की तरफ से किया जा रहा है. गौरतलब है कि कुछ राज्यों ने इसे लागू किया है, लेकिन अब स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ सड़क मंत्रालय इसे पूरी तरह से लागू करेगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले और मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 (एमवी संशोधन अधिनियम) के तहत, देश के निकटतम उपयुक्त अस्पताल में सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस ट्रॉमा देखभाल उपचार तक पहुंच प्रदान करने की योजना बने गई है.
सरकार बना रही योजना
अनुराग जैन ने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है. वर्ष 2030 तक दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने के लिए सड़क मंत्रालय ने सड़क के मुद्दे को संबोधित करने के लिए सड़क सुरक्षा के 5ई पर आधारित एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है. इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) परियोजना देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की रिपोर्टिंग, प्रबंधन और विश्लेषण के लिए एक केंद्रीय भंडार स्थापित करने और एक या दो महीने के भीतर इंजीनियरिंग दोषों को ठीक करने के लिए शुरू की गई है. अनुराग जैन ने कहा कि सड़क सुरक्षा के बारे में शिक्षा और जागरूकता के लिए, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जल्द ही लागू होने वाले स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में सड़क सुरक्षा को शामिल करने पर सहमत भी हुआ है. 27 से अधिक देशों के लगभग 130 प्रतिष्ठित सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ राष्ट्रीय राजधानी में शुरू होने वाले तीन दिवसीय ‘वैश्विक सड़क सुरक्षा पहल’ में भाग ले रहे हैं, जिसमें निचले और मध्य क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और चोटों को कम करने के लिए सुझावात्मक कोड पर विचार-विमर्श और अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
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