वंदे भारत में सफर क्यों नहीं करना चाहते यात्री?

वंदे भारत की टिकट शताब्दी के मुकाबले 300 से 500 रुपए तक महंगी पड़ती है.

वंदे भारत में सफर क्यों नहीं करना चाहते यात्री?

वंदे भारत को हरी झंडी दिखाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (File Photo: PIB)

वंदे भारत को हरी झंडी दिखाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (File Photo: PIB)

रेलवे ने वंदे भारत (Vande Bharat), शताब्दी (Shatabdi) समेत कुछ ट्रेनों के मूल किराए यानी बेस फेयर में 25 फीसदी तक की कटौती का ऐलान करके पैसेंजरों को राहत दी है. ऐसी ट्रेनों का किराया घटाया गया है जिनमें AC चेयर कार (CC) और एक्जीक्यूटिव चेयर कार (EC) हैं. प्रीमियर ट्रेनों में चुनिंदा रूट पर ऑक्यूपेंसी कम रहने यानी सीटें खाली रहने की वजह से यह कदम उठाया गया है. 50 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली रहने पर छूट मिलेगी.

वंदे भारत ट्रेन का किराया ज्यादा होने की चर्चा काफी समय से है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में तीन रूट इंदौर-भोपाल, जबलपुर-भोपाल और मडगांव-मुंबई के बीच शुरू की गई वंदे भारत ट्रेन में ऑक्यूपेंसी रेट महज 21 से 55 फीसदी रहा. सवाल उठता है कि ये क्या किराया ज्यादा होने की वजह से आम रेल यात्री इसमें सफर करने से बचते हैं. वंदे भारत जैसी ट्रेन का ऑपरेशनल कॉस्ट, मेटेनेंस, स्टाफ का खर्च दूसरी ट्रेनों के मुकाबले काफी ज्यादा है. जाहिर है कि इसकी वसूली पैसेंजरों से टिकट प्राइस के तौर पर होती है.

किराए पर गौर करें तो वंदे भारत, शताब्दी जैसी ट्रेन से करीब 1 घंटे पहले गंतव्य यानी डेस्टिनेशन पर पहुंचाती है, लेकिन इसके लिए एक टिकट पर 300 से 500 रुपए ज्यादा चार्ज करती है. स्वाभाविक है कि ऐसे में आम पैसेंजर वंदे भारत की जगह शताब्दी या दूसरी ट्रेन को तवज्जो देंगे. वंदे भारत के टिकट की कीमत शताब्दी से ज्यादा और एयरलाइन से कम है. कम समय में ट्रेवल करने वालों के पास एयरलाइन का विकल्प है. ऐसे में वो वंदे भारत में क्यों सफर करेंगे. देखते हैं कि वंदे भारत और दूसरी ट्रेनों की टिकट के दाम में कितना अंतर है?

शताब्दी से कितनी महंगी है वंदे भारत की टिकट?
20 जुलाई की नई दिल्ली से रानी कमलापति (भोपाल) तक की वंदे भारत एक्सप्रेस की चेयर कार (CC) की बेस फेयर समेत टिकट की कीमत 1,665 रुपए है, जबकि भोपाल शताब्दी में चेयर कार की टिकट 1,310 रुपए है. एक टिकट की कीमत में 355 रुपए का अंतर है. इसी प्रकार, एक्जीक्यूटिव चेयर (EC) की टिकट के प्राइस 3,120 रुपए है. शताब्दी में यही टिकट 2,590 रुपए की है. यानी 530 रुपए का डिफरेंस है. अगर 4 लोगों का परिवार सफर करता है तो टिकटों की कीमत में 1,420 से 2,120 रुपए का फर्क आएगा. हालांकि, वंदेभारत दिल्ली से भोपाल पहुंचाने में 7 घंटे 30 मिनट जबकि भोपाल शताब्दी 8 घंटे 40 मिनट लेती है.

वंदे भारत Vs सुपरफास्ट ट्रेन
इसी तरह, 20 जुलाई को इंदौर-भोपाल रूट पर भोपाल वंदेभारत की टिकट बेस फेयर समेत 810 रुपए की है जबकि इंदौर-जबलपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में थर्ड एसी का किराया 555 रुपए है. यानी टिकट के दाम में 255 रुपए का अंतर है. वहीं, जबलपुर-भोपाल रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस की टिकट 955 रुपए की है जबकि RKMP जनशताब्दी की चेयर कार की टिकट 565 रुपए और जबलपुर इंदौर एक्सप्रेस की थर्ड एसी की टिकट 660 रुपए की है.

कहा जा रहा है कि वंदे भारत जैसी ट्रेनों में रेलवे ने जो दाम रखे थे पैसेंजर उन्हें देने को तैयार नहीं है क्योंकि उनके पास दूसरी ट्रेनों के विकल्प हैं. ऐसे में हो सकता है कि किराया थोड़ा कम करने से जो पैसेंजर अब तक इन ट्रेनों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं वे इनका इस्तेमाल करें. जिससे ट्रेन खाली भी नहीं जाएगी और रेलवे की कमाई भी होगी.

Published - July 12, 2023, 08:39 IST