आज विश्व जल दिवस (World Water Day) है और एक बार फिर मनुष्य के अस्तित्व के लिए सबसे जरूरी चीज के संरक्षण का आह्वान किया गया. दुर्भाग्यवश सिर्फ 1 दिन के लिए. घटता जल स्तर अब कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं. शेयर बाजार ग्रीड एंड फीयर यानि लालच और भय पर चलता है. क्या जल संरक्षण के लिए भी ऐसी ही भावनाएं काम कर सकती हैं?
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यह कहकर पानी के संरक्षण (Water Harvesting) के महत्व को दोहराया कि आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि को हर स्तर पर जल संरक्षण के माध्यम से ही महसूस किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैच द रेन (Catch the Rain) कैंपेन की शुरुआत की है. इसमें जनभागीदारी से जल संरक्षण बड़े स्तर पर शुरू किया जाएगा. यहीं से चुनौतियां शुरू होती हैं.
यही वक्त है जब सरकार को जल संरक्षण (Water Harvesting) बढ़ाने के लिए कुछ मजबूत कदम उठाने होंगे. हालांकि, यह सुनिश्चित करना असंभव है कि हर नागरिक इसका पालन करे. भारत को UAE से सीख लेनी चाहिए, जहां जल संरक्षण (Water Harvesting) के लिए सरकार के हस्तक्षेप और टेक्नोलॉजी ने साथ मिलकर काम किया है.
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से तकनीकी प्रगति की है और इसे प्रकृति की रक्षा के लिए तैयार करने की आवश्यकता है. UAE रेन सीडिंग की तरफ कदम बढ़ा चुका है. बादलों के बीच ड्रोन का परीक्षण करने की तैयारी चल रही है, बादलों में पहुंचकर एक छोटा इलेक्ट्रिकल चार्ज उत्पन करेगा और बारिश कराने में मदद करेगा.
पीएम मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ अभियान, केवल तभी सफल हो सकता है जब नागरिक भी उत्साह के साथ इसमें हिससा लें. अगर हम अभी सीख नहीं लेते हैं, तो आगे चलकर पछताना पड़ सकता है. आज अनदेखी पर भी पछतावा होगा.