आयकर विभाग से मिली राहत, अब स्पष्टीकरण का इंतजार

Tax Exemption on COVID-19 Treatment: वित्त मंत्रालय से राहत भरी खबरें आयी है. अब पूछिए कैसे मिलेंगी ये राहत?

Income Tax Return, NOTICE, INCOME TAX

नए इनकम टैक्स पोर्टल में आ रही परेशानियों को देखते हुए सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है.

नए इनकम टैक्स पोर्टल में आ रही परेशानियों को देखते हुए सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है.

Tax Exemption: पहले बात कर लेते हैं राहत वाली खबरों की. पहली खबर ये है कि किसी भी आयकरदाता को यदि कोविड की बीमारी के इलाज पर खर्च के लिए उसके नियोक्ता या फिर किसी शुभचिंतक से वित्तीय मदद मिलती है तो वह रकम हासिल करने वाले के आय में नहीं जुड़ेगी और उस पर आयकर नहीं लगेगा. यह व्यवस्था वित्त वर्ष 2019-20 (FY20) यानी निर्धारण वर्ष 2020-21 (AY21) और उसके बाद के वर्षों के लिए लागू होगी.

दूसरी खबर का सार यह है कि कोविड काल में कई करदाता काल के गाल में समा गए. वैसे तो परिवार में किसी का भी निधन खलता है, लेकिन जब कमाई करने वाले की बात आती है तो आर्थिक विपदा भी आन पड़ती है. ऐसे करदाताओं के परिवारजनों को यदि नियोक्ता या शुभचिंतकों से अनुग्रह राशि मिलती है, तो वहां भी कर में छूट का फैसला किया है. कर छूट के लिए नियोक्ता की ओर से मिलने वाली अनुग्रह राशि की कोई सीमा नहीं रखी गयी है, जबकि सभी शुभचिंतकों को मिलाकर 10 लाख रुपये तक की रकम पर कर में छूट मिलेगी.

आयकर विभाग कह रहा है कि जरुरी कानूनी फेरबदल समय आने पर कर लिया जाएगा.

अब खबरों के आगे की बात पर. सबसे पहले तो यह समझिए कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कैसे मदद मिलेगी? यहां यह समझना जरुरी है कि इस वित्त वर्ष के लिए मूल आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसम्बर 2020 थी, जबकि संशोधित और विलम्ब के साथ रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 मई 2021. चूंकि नियम अब यह कहता है कि किसी भी वित्त वर्ष का रिटर्न निर्धारण वर्ष की आखिरी तारीख, या फिर सरकार की ओर से दी गयी रियायत की तारीख तक ही की जा सकती है. मतलब है कि यहां पर सरकार को नियम में विशेष प्रावधान करने होंगे या फिर संशोधित रिटर्न दाखिल करने का एक और मौका देना होगा, तभी वित्त वर्ष 2019-20 में मिली वित्तीय सहायता पर कर छूट संभव हो सकेगा.

आप कह सकते हैं कि कोविड ने 2020 के फरवरी-मार्च में अपने पांव पसारने शुरु किए, लिहाजा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बहुत ज्यादा परेशानी की बात नहीं होगी. अब बात आगे के वर्षों यानी वित्त वर्ष 2020-21 यानी निर्धारण वर्ष 2021-22 और उसके बाद के वर्षों की. चूंकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिटर्न दाखिल करने की तारीख पहले ही सितम्बर तक बढ़ायी जा चुकी है, लिहाजा यहां पर कोई परेशानी नहीं आने वाली. रिटर्न में इलाज के लिए मिली वित्तीय सहायता या फिर अनुग्रह राशि की रकम दिखाकर कर छूट पाया जा सकेगा.

अब बात उन लोगों को जिनकी सालाना आय ढ़ाई लाख रुपये या उससे कम है, लेकिन उन्हें कोविड के इलाज के लिए सहायता की रकम या फिर अनुग्रह राशि के तौर पर इतनी रकम मिली को वो ढाई लाख रुपये से काफी ज्यादा बढ़ गयी. ऐसे लोगों के लिए क्या रास्ता है? सामान्य परिस्थितियां यह कहती है कि कर छूट पाने के लिए रिटर्न दाखिल करना चाहिए. रिटर्न दाखिल कर ज्यादा आमदनी के सही-सही स्रोत की जानकारी अगर दे दी गयी तो फिर आयकर विभाग की टेढ़ी नजरों से बचना आसान हो जाएगा. फिलहाल, वित्त मंत्रालय से इस बारे स्पष्टीकरण का इंतजार है.

इस बीच एक और खबर यह है कि पैन को आधार से जोड़ने के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है. अभी यह तारीख 30 जून थी जो अब 30 सितम्बर कर दी गयी है. इस आशय की पहली घोषणा 2017 में की गयी थी जिसके बाद से लेकर अंतिम तारीख बढ़ायी जाती रही है. आयकर विभाग के इस कदम को सही कदम नहीं माना जा सकता है, क्योंकि लगातार तारीख का बढ़ना लोगों के भीतर पैन और आधार को नही जोड़े जाने की सूरत में होने वाली कार्रवाई के डर को कम कर रहा है.

हैरानी की बात यह है कि जब डिजिटल माध्यम और यहा तक कि मोबाइल के जरिए भी पैन और आधार को जोड़ा जा सकता है तो वहां पर कोविड काल में घर से बाहर ना निकलने की वजह पर तारीख बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं दिखता. उम्मीद की जानी चाहिए कि अब 30 सितम्बर के आगे कोई तारीख नहीं बढ़ेगी, ताकि जिन लोगों ने पैन को आधार के साथ जोड़ लिया है, उन्हे इस बात का संतोष मिले कि उन्होंने नियम का पालन किया.

Published - June 26, 2021, 10:47 IST