भला कोई तो बताए कि बाजार (Stock Market) में ‘मेनिया’ क्या होता है? सेंसेक्स (Sensex) में 4 ट्रेडिंग सेशन में 9 परसेंट की उछाल आए तो वो फंडामेंटल प्ले हो गया लेकिन छोटे निवेशक मिलकर बड़े खिलाड़ियों के नाक में दम करने लगे तो वो मेनिया हो गया? कोई तो बताए कि आखिर क्यों?
अब छोटा संदर्भ जान लीजिए. अमेरिका की वीडियो गेम रिटेलर कंपनी है ‘गेमस्टॉप’. कुछ रिटेल निवेशकों को लगा कि इस कंपनी के शेयर की कीमत (Stock price) गिराकर दिग्गज निवेशकों की टोली पैसे बनाने में लगी है. इस कंपनी के शेयर में बड़े फंड मैनेजर शॉर्ट पोजिशन बनाए हुए थे. कंपनी का शेयर गिरता तो फंड मैनेजरों की चांदी होती.
दिग्गज फंड मैनेजर्स दलील देते हैं कि ‘गेमस्टॉप’ जैसे फिजिकल रिटेलर्स (Retail Investors) की तो पूरी दुनिया में बैंड बजी है. लॉजिक के हिसाब से ‘गेमस्टॉप’ के शेयर की कीमत में गिरावट तो बनता है. तो बना लिया शॉर्ट पोजिशन. कुछ रिटेल निवेशकों ने दिग्गज निवेशकों के इस खेल को बिगाड़ने का फैसला किया.
‘गेमस्टॉप’ के शेयर की कीमत में जनवरी के एक हफ्ते में ही करीब 400 परसेंट का इजाफा हो गया. और दो बड़े फंड की बैंड बज गई. कंपनी के शेयर की कीमत 12 जनवरी को करीब 20 डॉलर थी, 27 जनवरी को वो 347 डॉलर पहुंच गई और 2 फरवरी को गिरकर 90 डॉलर. और तब से रिटेल निवेशकों (Retail Investors) को गाली पड़नी शुरू हो गई. कहा जाने लगा कि उनको फंडामेंटल्स की समझ नहीं होती है, वो शेयर को कुछ दिन तक तो चला सकते हैं लेकिन फंड की ताकत के सामने उनकी कहां चलने वाली है.
आखिर ऐसा क्यों?
अब फंडामेंटल्स की समझ रखने वाले जरा ये तो बता जाएं कि टेस्ला (Tesla) कंपनी के शेयर की कीमत एक साल में 800 परसेंट कैसे बढ़ गई? अमेजॉन (Amazon) 70 से ज्यादा के प्राइस टू अर्निंग पर क्यों ट्रेड कर रहा है? मंदी वाले साल में निफ्टी (Nifty) का वैल्युएशन इतना क्यों है जितना पहले कभी नहीं था? कोई इंडेक्स कंपनी बिना किसी वजह के 5 दिन में 25 परसेंट कैसे बढ़ जाता है?
फंडामेंटल्स की ‘बेकार’ दलील देने वाले चुप ही रहें तो अच्छा है. दुनियाभर के शेयर बाजार (Stock Market) में खेल होता है. इस खेल के नियम बड़े खिलाड़ी यानी बड़े फंड मैनेजर तय करते हैं. रिटेल निवेशकों की मजाल कि वो सफलता पूर्वक खेल में हिस्सा लें और मुनाफा भी कमा लें. उसकी नियति तो जलने की है. और बड़े निवेशकों का मजाक तो आपने सुना ही होगा- जब छोटे निवेशक बाजार में एंट्री मारें तो समझ लो कि एग्जिट का समय हो गया है.
बड़े निवेशक जलें तो ‘मेनिया’ जिसे जल्दी बंद होना चाहिए. और छोटे निवेशक (Small Investors) जलें तो यह कहा जाए कि ऐसा तो होना ही था. कोई तो बताए कि आखिर क्यों?
फिलहाल चल क्या रहा है?
रिटेल निवेशकों ने अमेरिकी शेयर बाजार (US Stock Market) में खेल के नियम बदलने की कोशिश की, ऐसे में उम्मीद जगी कि हो सकता है थोड़ी पारदर्शिता बढ़े, बाजारों का लोकतंत्रीकरण हो, और शायद शेयर बाजार में तेजी का फायदा सबको मिले. फिलहाल, बड़े निवेशकों ने मिलकर छोटे निवेशकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है. ‘गेमस्टॉप’ के शेयर में फ्री फॉल है. हेज फंड मोटी रकम कमा रहे हैं और रिटेल निवेशकों का नुकसान हो रहा है. लेकिन बड़े निवेशकों के ‘कोजी क्लब’ में सेंध लग गई है. और रिटेल निवेशकों का पलटवार तो होना ही है.
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं.
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