Savings: कोविड महामारी के वित्तीय प्रभावों में से एक यह है कि व्यक्ति अपने पैसे और इसके प्रबंधन के संबंध में बहुत सतर्क हो गए हैं. कई लोगों ने अपने खर्चों में कटौती करना शुरू किया है. खासकर उन खर्चों में जो आवश्यक नहीं हैं और इससे उनकी बचत में वृद्धि हुई है. यह पहल वाकई सकारात्मक है, लेकिन अभी भी पैसों के प्रबंधन की प्रक्रिया चिंता का विषय है. हालांकि, बात यहीं खत्म नहीं होती, अगर बचत से आगे हम कुछ नहीं सोच रहे हैं तो ये प्रयास भी बेकार हो सकता है. कुछ बातों पर गौर करना चाहिए.
सेविंग अकाउंट से आगे कुछ सोचने की जरूरत किसी भी पहली सोच यही होती है कि सेविंग अकाउंट (Savings Account) में पैसों को रख दिया जाए. बहुत सारे लोग ऐसा ही करते हैं, क्योंकि, इससे अतिरिक्त कुछ नहीं करते. यह एक अच्छा पहला कदम है, जो प्रक्रिया को सिर्फ आधा पूरा करता है. बचत खातों में पड़ा बड़ा अमाउंट पड़ा होने के बाद भी निवेशकों को ज्यादा फायदा नहीं देता. इसके पीछे दो कारण है. पहला यह कि बचत खाते में पड़े पैसे पर अब सिर्फ 3 से 3.5 प्रतिशत ब्याज मिलता है, जो मुद्रास्फीति की तुलना में काफी कम है. दूसरी बात यह कि अगर पैसा यहां रखा जाता है तो यह कभी भी निवेश नहीं हो सकता. क्योंकि, अगर कुछ खर्च आता है तो यह अच्छी तरह से खर्च के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यही कारण है कि बचत खाते से आगे बढ़ने की जरूरत है.
सिर्फ सुरक्षा काफी नहीं निवेशक की एक और प्रवृति यह भी है कि ऐसी चीज के लिए कोशिश की जाए, जो सुरक्षित हो. महामारी की वजह से ज्यादातर निवेशकों के लिए सुरक्षा पहली प्राथमिकता बन गई है. ऐसे में वह पारंपरिक उत्पाद जैसे Fixed Deposit या पारंपरिक बीमा पॉलिसी की तरफ ले जाता है. क्योंकि, वह सिर्फ यही कर रहे हैं और उन्हें लगता है ये सुरक्षित है. लेकिन, ऐसी स्थितियों से निपटने का अच्छा तरीका नहीं हो सकता है. क्योंकि, इस पैसे पर अब ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है और महंगाई को हराने में नाकाम है. कुछ मामलों में चुना गया मार्ग आवश्यकताओं के लिए भी उपयुक्त नहीं हो सकता है. आखिरकार यह उतनी तेजी से नहीं बढ़ेगा. छोटी वृद्धि के साथ यह भविष्य में आपको उतना फायदा नहीं देगा, जितना होना चाहिए.
आवश्यकता के अनुसार निवेश करें और विविधता लाएं वास्तविक तरीके में व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका पैसा सही क्षेत्र में निर्देशित किया जा रहा है. यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने लक्ष्यों के मुताबिक ही निवेश किया है. इसके लिए सबसे जरूरी है कि वह अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट और अलग एसेट क्लास में निवेश करें. किसी के लिए डेट म्यूचुअल फंड के साथ इक्विटी फंड सही हो सकता है, वहीं दूसरे को रियल एस्टेट की भी जरूरत हो सकती है. यह एक साधारण बात दिखाई देती है. लेकिन, संभवतः एक व्यक्तिगत निवेशक के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण हो सकता है. इसलिए, सभी प्रयासों की सफलता के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पैसा वहां तक पहुंचे जिसे सोचकर निवेश किया गया है.
Disclaimer: लेखक Moneyeduschool के संस्थापक हैं. कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.
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