भौतिक दुनिया के उलट डिजिटल वर्ल्ड कभी सोता नहीं है. भारत ने 24/7 डिजिटल ट्रांजैक्शंस की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया है कि 1 अगस्त से नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (NACH) पूरे हफ्ते काम करेगा.
दूसरे शब्दों में, इसका ये मतलब है कि ट्रांजैक्शंस हर दिन होंगे और किसी भी दिन डिजिटल लेनदेन हो सकेगा. अभी ये सर्विसेज केवल बैंकों के कामकाजी दिनों तक ही सीमित है.
RBI का ये छोटा सा कदम भारत के डिजिटलीकरण के सफर में एक बड़ी छलांग है. अपने एक फैसले के साथ रिजर्व बैंक के गवर्नर ने डिजिटल ट्रांजैक्शंस की राह में बनी हुई एक बड़ी अड़चन को खत्म कर दिया है.
इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि लोगों के खाते में अब रविवार या छुट्टी के दिन भी सैलरी आ सकेगी. आमतौर पर ज्यादातर कंपनियों के कर्मचारियों को महीने के आखिर में वीकेंड या सरकारी छुट्टी पड़ने पर सैलरी के लिए इंतजार करना पड़ता है. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा.
NACH एक बल्क पेमेंट सिस्टम है जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) चलाता है. इसके जरिए सैलरी, पेंशन, इंटरेस्ट, डिविडेंड और सरकारी योजनाओं के फायदे लोगों को मिलते हैं.
इसके साथ ही आम लोगों को अब यूटिलिटी सर्विसेज, लोन की किस्तें और इंश्योरेंस के प्रीमियम भरने में भी दिक्कत नहीं होगी. कई दफा इस वजह से लोगों को पेनाल्टी भी चुकानी पड़ती है.
RBI का कदम एक सही दिशा में लिया गया फैसला है और ये देश में डिजिटल पेमेंट्स को नई ऊंचाइयां देगा. इंटरनेट सर्विसेज के विस्तार के साथ स्मार्टफोन के जरिए डिजिटल पेमेंट्स इस दशक के आखिर में पहुंचते-पहुंचते डिफॉल्ट जरिया बन सकते हैं.
कैश से डिजिटल ट्रांजैक्शंस की ओर हो रहा बदलाव केवल तभी पूरी तरह से मुमकिन हो पाएगा जबकि आम लोगों को आसानी से और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और उनका अनुभव अच्छा रहेगा. 5G सेवाएं अब ज्यादा दूर नहीं हैं, ऐसे में डिजिटल ट्रांजैक्शंस का भविष्य सुनहरा दिखाई दे रहा है.
इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को साइबर सिक्योरिटी पर भी गौर करना होगा ताकि आम लोगों की कमाई ठगी का शिकार न हो सके.