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Financial Life: कोरोना काल में ज्यादातर सभी लोगों ने काफी तनाव का भी सामना किया है. इसका असर लोगों की फाइनेंशियल लाइफ पर भी पड़ा है.
बिना जोखिम के पूंजी खड़ी नहीं की जा सकती है, लेकिन ज्यादा जोखिम पूरी सेविंग्स को बर्बाद कर सकता है, ऐसे में रिस्क मैनेजमेंट की जरूरत होती है.
हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए रजिस्ट्रेशन बंद होने के साथ सरकार को वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाकर इसमें दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स को शामिल करना चाहिए.
कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को आगे आना पड़ेगा. सरकार को भी व्यापक तौर पर वैक्सीनेशन मुहिम चलानी होगी.
मीडियाकर्मियों को कोविड-19 की जंग में फ्रंटलाइन वर्कर माना गया है. लेकिन, वैक्सीन लगाने के मामले में इन्हें फ्रंटलाइन वर्कर नहीं माना गया.
ATM Machine No cash- कई बार आपने देखा होगा, ATM के बाहर बोर्ड लगा होता है- नो कैश! या फिर एटीएम में कार्ड डालने पर पता चलता होगा कि कैश नहीं है.
Funds Vs Index: एक अप्रैल की NAV के आधार पर अगर इन फंड्स की तुलना करें तो इन्होंने सेंसेक्स और निफ्टी को बड़े मार्जिन से पीछे छोड़ा है.
Economy: कुल मिलाकर उम्मीदों की आहट तो सुनाई दी है, लेकिन खतरे की घंटी भी बज रही है. ऐसे में यह कहना है कि अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर लौट आयी है, थोड़ी जल्दबाजी होगी.
Agriculture money making- किसान जहां पहले सिर्फ दुकानदार की सलाह पर फसलों के बीज इस्तेमाल करते थे, वहीं अब वे बीजों की गुणवत्ता पर विचार करने लगे हैं.
Small Savings Scheme: ब्याज दरें रिटेल महंगाई के करीब हैं जिससे असल में जितनी कमाई होती है वो घट कर बेहद कम रह जाती है.