कुछ चीजें सीखी नहीं जातीं, बल्कि जन्म से ही इंसान के अंदर होती हैं. जरूरत से ज्यादा खर्च करना भी ऐसी ही एक आदत है. आपको कोई ये नहीं बताता कि आपको फिजूलखर्ची कैसे करनी है, बल्कि ये बताने वाले बेहद कम होंगे कि आपको समझदारी से कैसे खर्च करना है. इससे पहले कि हम आपको ये बताएं कि आपको अपनी फिजूलखर्जी पर कैसे लगाम लगानी है, आपको ये समझना होगा कि ऐसा करना क्यों जरूरी है या फिजूलखर्ची क्यों खराब है.
गैर-जरूरी चीजों पर पैसा न खर्च करें
चाहे आप 8 घंटे की नौकरी कर रहे हों या आपका अपना कारोबार हो, आपको अच्छे से पता होगा कि आपको यूं ही पैसा नहीं मिल रहा है. इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. अब चूंकि आप कड़ी मेहनत से पैसा कमा रहे हैं तो आपको बिना-वजह की चीजों पर इसे खर्च नहीं करना चाहिए.
इमर्जेंसी फंड पर पड़ता है असर
फिजूलखर्जी से आपकी बचत पर बुरा असर पड़ता है और ये आपके इमर्जेंसी फंड के रास्ते में भी रोड़े पैदा करती है. फिजूलखर्जी तब होती है जब आप अपने तयशुदा खर्चों की सीमा को लांघ जाते हैं.
बेमतलब लिया गया कर्ज
फालतू में खर्च किया गया पैसा आप पर कर्ज बढ़ाता है. खरीदारी करने की भूख इतनी तगड़ी होती है कि हम क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन जैसे कर्ज के जाल में फंस जाते हैं. ये लोन न सिर्फ ब्याज के लिहाज से महंगे होते हैं, बल्कि अगर आप पैसे चुकाने में देरी करते हैं तो ये आपके CIBIL स्कोर पर भी असर डालते हैं.
अगर आप अनुशासन में चलेंगे तो इससे न सिर्फ आपका पैसा बचेगा, बल्कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री भी मजबूत होगी.
आप बचपन से ही या तो बचत करने वाले होते हैं या फिर खर्च करने वाले. मानवीय व्यवहार बताता है कि खर्च से जुड़ी आदतों को बच्चे के बड़े होने के साथ अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. पेरेंट्स की आदतें भी ये तय करती हैं कि बच्चे की खर्च की आदतें कैसी शक्ल लेंगी.
यहां हम आपको बता रहे हैं कि आप खर्च के अपने जुनून पर कैसे लगाम लगा सकते हैं और पैसे बचा सकते हैं.
अपने पैसे की कद्र कीजिए
बचपन से बचत की आदत वाला शख्स अपना एक भी पैसा फिजूल खर्च नहीं करता है. बचत करने वाले अपनी बेसिक जरूरतों के लिए भी पैसा बेहद सोच-समझकर खर्च करते हैं. इसके पीछे अपनी मेहतन से कमाई पूंजी से उनका लगाव होना वजह है.
हर खर्च का हिसाब रखें
चाहे छोटा हो या बड़ा, आपको अपने हर खर्च का हिसाब रखना चाहिए. इससे आपको अपने खर्चों को अच्छे से ट्रैक करने में मदद मिलती है. कई दफा लोगों को भ्रम होता है कि केवल बड़ी गाड़ी या शानदार घर ही फिजूलखर्ची में आता है. हालांकि, छोटे खर्चों का भी उतना ही महत्व होता है.
समझदारी से खर्च
ऐसी चीजों पर पैसा खर्च कीजिए जो कि आपकी जिंदगी को एक मकसद देती हैं. मसलन, मैं एक फुटबॉल प्रेमी हूं और मैं अपने जीवन में एक दफा लाइव फुटबॉल मैच देने के लिए महंगे फोन या घड़ी को छोड़ सकता हूं.
बचत को स्वचालित बनाइए
सेविंग्स को स्वचालित बनाइए क्योंकि अगर आपके पैसा नहीं होगा तो आप खर्च नहीं कर सकते हैं. फिजूलखर्ची करने वाले कभी बचत शब्द को समझ नहीं सकते हैं.
आपको अपनी बचत को स्वचालित बनाने की कोशिश करनी चाहिए. इसके लिए आपको SIP के जरिए या किसी दूसरे अच्छे टूल का इस्तेमाल करना चाहिए. इसमें आपका पैसा अपनेआप निवेश के साधनों में लगने लगेगा और आप खर्च से बच जाएंगे.