आने वाले वक्त में जब भी मौजूदा दौर का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें इस बात का जिक्र होगा कि भारत में कोविड के बुरे हालात में भी निवेशक स्टॉक मार्केट (Stock Markets) और म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) में मजबूती से टिके हुए थे.
मंगलवार को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) इंडस्ट्री के आंकड़े आए और इनसे ये ट्रेंड पुख्ता तौर पर साबित हुआ है.
गुजरे कुछ महीनों में नेट आउटफ्लो का सामना करने के बाद म्यूचुअल फंड सेक्टर में अप्रैल में नेट इनफ्लो आया है और इस लिहाज से ये लगातार दूसरा महीना रहा है.
3,437 करोड़ रुपये का आंकड़ा हालांकि बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन यह जो दिशा दिखा रहा है वह अहम है.
पहली दफा निवेश कर रहे लोगों के लिए ये एक ऐसा मौका है जबकि वे स्टॉक मार्केट के जोखिमों से बचकर इसके रिटर्न्स का स्वाद चख सकते हैं.
कोविड से उथल-पुथल भरे 2020-21 में भारतीय म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) सेक्टर में 81 लाख नए अकाउंट्स जुड़े हैं.
इस तरह से इस सेगमेंट में कुल निवेशकों की संख्या बढ़कर 9.78 करोड़ पर पहुंच गई है.
2019-20 में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में 72.89 नए निवेशक आए थे. हकीकत तो ये है कि 2015-16 से हर साल म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने बड़ी संख्या में नए निवेशक हासिल किए हैं.
2015-16 में ये आंकड़ा 59 लाख था जो कि इसके अगले साल बढ़कर 67 लाख पर पहुंच गया.
इसके अगले दो साल भी इसमें जबरदस्त तेजी आई. इस दौरान 2017-18 में 1.6 करोड़ और इसके अगले साल 1.13 करोड़ नए निवेशकों ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री (Mutual Fund) में कदम रखा.
ये एक अच्छी निशानी है कि देश में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशकों की कुल संख्या 10 करोड़ के करीब पहुंच गई है.
इस आंकड़े के बढ़ने के साथ ही फाइनेंशियल मार्केट में हर वर्ग और तबके की भागीदारी दिखाई दे रही है और यह इस पूरे ईकोसिस्टम को और मजबूत बना रही है.
ब्याज दरों में गिरावट और गारंटीड रिटर्न स्कीमों में घटते रिटर्न के दौर में एक मजबूत म्यूचुअल फंड मार्केट से ज्यादा बड़ी संख्या में लोग अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं.