ट्रांजैक्शंस के लिए डिजिटल मोड्स को अपनाने वाले कस्टमर्स को अब अपनी निजी और वित्तीय जानकारियां चोरी होने के झटकों से निपटना पड़ रहा है. बिगबास्केट, डोमिनोज, एयर इंडिया जैसे बड़े ब्रैंड्स के पास बड़ी तादाद में कस्टमर्स हैं.
इनके सिस्टम्स में हुई डेटा की चोरी की घटनाएं दिखाती हैं कि लोगों के लिए ये चुनौती कितनी बड़ी है.
कस्टमर्स और कंपनियों का रिश्ता भरोसे और वादे का होता है, लेकिन साथ ही जब बार-बार भरोसा टूटता है तो कोई भी वादा खोखला नजर आता है.
डेटा ब्रीच की दो खबरें पिछले 24 घंटे से भी कम वक्त में आई हैं. इनसे कस्टमर्स का भरोसा बुरी तरह से हिल गया है.
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी की वजह से वैसे ही आम लोगों को गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे वक्त में जब डेटा ब्रीच की घटनाएं आती हैं तो लोगों की बेचैनी कई गुना बढ़ जाती है.
परेशानी वाली बात ये है कि जिस गंभीरता के साथ इस मसले को हल किया जाना चाहिए था वो दिखाई नहीं दे रही है.
ग्राहकों की शिकायतों को हल करने में भारत का दर्जा बहुत अच्छा नहीं है और डेटा चोरी की हालिया घटनाएं यही दिखाती हैं कि इन तकनीकी चुनौतियों से निपटने में देश में कोई मजबूत मैकेनिज्म नहीं है.
सरकार को इन्हें छिटपुट घटनाओं के तौर पर नहीं देखना चाहिए और डिजिटल इंडिया के आर्किटेक्चर को मजबूत बनाना चाहिए.
महामारी के बाद लोग डिजिटल ट्रांजैक्शंस पर और निर्भर हो गए हैं. ऐसे में इसमें कोई भी ढिलाई भारी पड़ सकती है.
नागरिकों को एक ऐसे सिक्योर्ड फ्रेमवर्क की जरूरत है जहां उनकी डिटेल्स को हैकर्स न चुरा सकें.
मौजूदा दौर में हर शख्स की जानकारियां सोशल मीडिया से लेकर अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर पड़ी हुई हैं. ऐसे में इन जानकारियों का चोरी होना हर किसी के लिए चिंता की विषय है और सरकार को इस सिस्टम को बेहद पुख्ता बनाने पर जोर देना होगा.
Published - May 22, 2021, 08:39 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।