आम तौर पर रिजर्व बैंक के गवर्नर जब मौद्रिक नीति के फैसले को सार्वजनिक करते हैं तो ज्यादातर लोगों की नजर ब्याज दर, आर्थिक विकास दर, महंगाई दर वगैरह पर की जाने वाली बातों पर होती है. यही नहीं मौद्रिक नीति के साथ केंद्रीय बैंक कुछ नियमों में बदलाव या फिर नयी सहूलियतों का भी ऐलान करता है लेकिन वहां पर बाजार से जुड़ी बातें सुर्खियां तो बनती हैं, लेकिन कई बार बड़ी फायदे वाली छोटी-छोटी बातें नजर से बची रह जाती है.
ऐसी ही एक बात रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को अपने वकत्तव्य में अंतिम टिप्पणी के पहले कही. उन्होंने कहा कि नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस यानी NACH अब बैंक के कार्यदिवस के बजाए सप्ताह के हर दिन काम करेगा. चूंकि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यानी आरटीजीएस की सुविधा हर दिन शुरु हो चुकी है, अब NACH के हर दिन चालू होने से आपके लिए कई बदलाव होंगे.
अब आप पूछेंगे कि NACH क्या है? इसका जवाब दास साब के बयान में ही आया. NACH, बल्क पेमेंट का एक सिस्टम है, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई (NPCI) संचालित करती है. इसके जरिए एक व्यक्ति, एक संस्था, एक कंपनी या फिर सरकार भी एक साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों के बैंक खाते में डिविडेंड, ब्याज, वेतन, पेंशन वगैरह हस्तांतरित कर सकती है. यही नहीं, इस व्यवस्था के जरिए कई लोगों की ओर से एक साथ कर्ज की किस्तें/बिजली का बिल/मोबाइल बिल/निवेश की रकम/बीमा प्रीमियम वगैरह बैंक में जमा कराया जा सकता है. सीधे लाभार्थियो के खाते में सरकारी योजना के तहत पैसा जमा करने के लिए NACH एक महत्वपूर्ण डिजिटल माध्यम बन गया है.
आप सोच रहे होंगे कि नए स्वरुप में NACH का आपके लिए क्या मतलब है? कई कंपनियां NACH के जरिए वेतन बांटती हैं जिससे एक ही समय में उसके तमाम कर्मचारियों के खाते में पैसा पहुंच जाए. चूंकि अभी तक यह सुविधा सिर्फ बैंक के कार्यदिवस के दिन ही उपलब्ध है तो दूसरे और चौथे शनिवार के अलावा तय अवकाश के दिन आपको वेतन नहीं मिल पाता है. पहली अगस्त से ऐसा नहीं होगा, क्योंकि आरटीजीएस के साथ NACH हर दिन चालू होगा. है ना या सुविधा की बात. अब बात सावधानी की.
बैंक से कर्ज लेने वालों के लिए किस्त चुकाने का दिन नियत होता है. इसी तरह से एसआईपी में निवेश, प्रीमियम या फिर बिल चुकाने के लिए दिन नियत होता है. इन सब के लिए हममें से कई लोग बैकों को ऑटो डेबिट यानी तय तारीख को सीधे खाते से भुगतान की सहमति दे देते हैं. इसका फायदा यह है कि हमें तारीख याद नहीं रखनी पड़ती, बस जरुरत इस बात की होती है कि तय तारीख को पर्याप्त रकम खाते में मौजूद हो.
अभी तक होता ये रहा है कि अगर भुगतान की तय तारीख को बैंक की छुट्टी है तो यह काम उस दिन नहीं बल्कि अगले कार्यदिवस को पूरा होगा. अभी तक कई बार ऐसा भी हुआ होगा कि जो दिन भुगतान के लिए तय है, उस दिन आपके खाते में पर्याप्त रकम उपलब्ध नहीं, लेकिन अगले दिन हो जाता है, और उसी दिन आपके भुगतान की प्रक्रिया पूरी हो रही है तो आपको किसी तरह का जुर्माना नहीं देना पड़ता है.
अगस्त से ऐसा नहीं होगा. जो दिन भुगतान के लिए तय है, चाहे वो बैंक में छुट्टी का दिन ही क्यों ना हो, आपके खाते से सीधे भुगतान निकलेगा. ऐसे में जरुरत यह है कि अब सुनिश्चित कर लें कि जिन-जिन तारीख को आपका भुगतान तय है, उस तारीख को आपके खाते में पर्याप्त रकम हो. इस तरह आप जुर्माने से बच सकेंगे. वैसे तो आप अपने बैंक खाते पर नियमित नजर तो रखते हैं, अब और नजर पैनी कर लें और बैंक के अवकाश दिवस के बारे मे ना सोचें, क्योंकि अब इससे अपनी तनख्वाह जमा होने और भुगतान निकलने पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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