Mutual Funds: पैसे जुटाने के लिए इक्विटी में निवेश करना बेहतरीन तरीका है. बतौर एसेट क्लास, इक्विटी ने लंबी अवधि में बैंक डिपॉजिट, गोल्ड और यहां तक कि रियल एस्टेट से भी ऊंचे रिटर्न दिए हैं. हाल ही में सेंसेक्स जैसे बाजार के सूचकांक ने नई ऊंचाई हासिल की है जिससे नए निवेशक शेयर बाजार की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
इक्विटी में निवेश शुरू करने के कई तरीके हैं. अगर आप फंडामेंटल्स समझते हैं और मार्केट रिसर्च जानते हैं तो आप सीधे इक्विटी बाजार में कंपनियों के शेयर खरीदकर निवेश कर सकते हैं. लेकिन ऐसा करना अगर संभव ना हो तो म्यूचुअल फंड पर म्यूचुअल फंड मैनेजर के अनुभव पर निर्भर रहा सही फैसला होगा. म्यूचुअल फंड के जरिए आप स्कीम की थीम के मुताबिक शेयर पोर्टफोलियो चुन सकते हैं. फंड मैनेजर शेयर के खरीदने, निवेशित रहने या बेचने के फैसले लेता है.
आप एक सिस्टेमैटिक तरीके से भी हर महीने इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds) में निवेश कर सकते हैं. आप 100 रुपये जैसी छोटी रकम से भी शुरुआत कर सकते हैं. हालांकि अधिकतर फंड 500 रुपये की किस्त को तरजीह देते हैं, कई फंड्स 100 रुपये के निवेश की सुविधा देते हैं.
ऐसे करें शुरुआत :
लक्ष्य तय करें
ये बेहद जरूरी है. इन्वेस्टमेंट गोल आपके लिए वो लक्ष्य हैं जो एक तय समय में एक औसत रिटर्न पर आप जुटाना चाहते हैं. उदाहरण के तौर पर रिटायरमेंट के लिए 30 साल में 2 करोड़ जुटाने का लक्ष्य. इसके लिए अगर आप 30 वर्षों तक हर महीने 6,000 रुपये निवेश करते हैं और सालाना 12 फीसदी का औसत रिटर्न मिलता है तो आप 2.11 करोड़ जमा कर पाएंगे. लक्ष्य तय करने से आपके निवेश से सफलता मिलना आसान हो जाता है. इससे आपको सही निवेश विकल्प चुनने में भी मदद मिलती है. जैसे कि, अगर आपने इसी 2 करोड़ रुपये के लक्ष्य के लिए बैंक के रेकरिंग डिपॉजिट में निवेश किया होता जिसपर टैक्स देनदारी के बाद 5 फीसदी का ब्याज मिलता है, आपको 30 साल में ये लक्ष्य हासिल करने के लिए हर महीने 25,000 रुपये जमा करने होते या फिर हर महीने 6,000 रुपये के हिसाब से रकम जुटाने में 54 साल लग जाते.
इससे ये पता चलता है कि सही निवेश विकल्प चुनकर और उसके लिए तय निवेश अवधि और रिटर्न की उम्मीद रखने पर आप लक्ष्य के लिए कैपिटल का सही इस्तेमाल कर पाएंगे. और लक्ष्य तय करने से आप इसे बेहतर तरीके से समझ पाएंगे. खास तौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Funds) की ही बात करें तो ये आपके लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए सही रहता है क्योंकि इससे निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से निकलकर औसत रिटर्न हासिल करने में मदद मिलती है.
सही फंड चुनें
इक्विटी म्यूचुअल फंड में कई तरह की कैटेगरी हैं और आपको अपनी जोखिम क्षमता और लक्ष्य के मुताबिक सही फंड चुनना होता है. अगर आप इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं तो ELSS चुन सकते हैं. अगर रिस्क की क्षमता मध्यम है तो आप ज्यादा स्थिर और मुनाफे वाली बड़ी कंपनियों में निवेश के लिए लार्डकैप फंड चुन सकते हैं. अगर आप और बड़ा रिस्क लेना चाहते हैं ताकि बड़ी ग्रोथ हासिल हो सके तो आप मिडकैप या स्मॉलकैप फंड ले सकते हैं. अगर आप निफ्टी जैसे इंडेक्स में निवेश करना चाहते हैं तो इंडेक्स फंड या ETF खरीद सकते हैं. आपके पास विकल्प ढेरों हैं. आप किस तरह का फंड चुन रहे हैं ओर उसके पिछले रिटर्न कैसे रहे हैं ये आप जो लक्ष्य पाना चाहते हैं उससे मेल खाना चाहिए. आप उसी हिसाब से एक या कई फंड चुने सकते हैं
ऑनलाइन रजिस्टर करवाएं
म्यूचुअल फंड्स की खास बात है इनमें निवेश करने की आसानी और सहूलियत. आप सीधे फंड हाउस के पास भी रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन करवा सकते हैं. आप अपने बैंक से निवेश की रकम को सीधे फंड अकाउंट में ट्रांसफर करने का सेट-अप करवा सकते हैं. आप अपनी मर्जी से SIP शुरू, रोक या कैंसल कर सकते हैं, फंड्स के बीच में स्विच और यहां तक कि जब समय आए निकालने के लिए भी प्लान चुन सकते हैं. आप एक ही फंड में एक या कई और SIP कर सकते हैं. अगर फंड सुविधा दे तो आप 100 रुपये या फिर 500 रुपये में अधिक्तर फंड्स में शुरुआत कर सकते हैं.
समय-समय पर समीक्षा
आपको कुछ समय के अंतराल पर अपने निवेश के प्रदर्शन को जांचते रहना चाहिए ताकि पता लगे कि वो आपकी उम्मीदों के हिसाब से ही चल रहा है या नहीं. कई बार ऐसा होता है कि अपने निवेश को कुछ ना करना ही बेहतर विकल्प हो. ऐसा देखा गया है कि अक्सर म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) निवेश को लंबी अवधि तक ऐसे ही छोड़ देने पर भी बेहतरीन रिटर्न हासिल हुए हैं.
हालांकि, फिर भी ये जरूरी है कि आप समय-समय पर इन्वेस्टमेंट का परफॉर्मेंस चेक करते रहें. मान लीजिए आपने सालाना 12 फीसदी रिटर्न की उम्मीद की है और आपका फंड सिर्फ 8 फीसदी दे रहा है तो आप अपना गोल हासिल करने में असक्षम रहेंगे. इसलिए फंड का ट्रैक चेक करते रहना और उस मुताबिक कदम उठाना एक सफल इन्वेस्टमेंट के लिए जरूरी है.
हर साल बढ़ाएं निवेश
आपके पास अपने इन्वेस्टमेंट को टॉप-अप करने का विकल्प मिलता है यानि अपने लक्ष्य को जल्दी हासिल करने के लिए आप समय-समय पर निवेश बढ़ा सकते हैं. आप आय कम होने पर 100 रुपये से भले शुरुआत करें लेकिन जैसे जैसे आपकी इनकम बढ़े आपको अपना निवेश भी बढ़ाने की जरूरत है. इससे आप अपने लिए तय किए गोल्स को जल्दी हासिल कर पाएंगे या फिर महंगाई को मात देने के लिए ज्यादा बड़ी रकम जमा कर सकेंगे. हर महीने 500 रुपये की SIP पर 12 फीसदी के सालाना ब्याज से 30 साल में आप 17.64 लाख जमा कर पाएंगे लेकिन अगर आप इसी निवेश को हर साल 15 फीसदी बढ़ाते रहें तो 83.63 लाख जुटा सकते हैं.
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds) में निवेश करना लंबे समय में बड़े और मुश्किल लक्ष्य हासिल करने के लिए बेस्ट तरीका है. जब भी आप किसी उलझन में हों, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से सलाह लें.
(लेखक BankBazaar.com के CEO हों. कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.)