कोविड-19 की दूसरी लहर की तबाही से पूरा देश हिल गया है. एक तरफ सरकार और प्रशासन इकनॉमी पर इस महामारी के असर को कम करने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
दूसरी तरफ, आम लोगों के लिए अपने पैसों का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है. लोगों के सामने अपनी मेडिकल आकस्मिक स्थितियों से निपटने के साथ ही भविष्य को सुरक्षित रखने की दोहरी चुनौती पैदा हो गई है.
यह कहना गलत नहीं होगा कि ऐसा बिना सतर्कतापूर्वक और सोच-समझकर की गई प्लानिंग के बिना मुमकिन नहीं हो सकता है.
ऐसे में हर किसी को सबसे पहले एक इमर्जेंसी फंड तैयार करना चाहिए. पिछले साल एक्सपर्ट्स इस तरह के फंड को तैयार करने की जरूरत बता रहे थे ताकि नौकरी चली जाने के हालात में परिवार के सामने दिक्कतें न आएं.
लेकिन, संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान एक इमर्जेंसी फंड का फोकस हेल्थकेयर पर जाकर शिफ्ट हो गया. ताकि अगर परिवार में कोई कोविड से संक्रमित होता है तो उसका इलाज हो सके.
हॉस्पिटल बेड्स के उपलब्ध न होने और ऑक्सीजन सिलेंडर्स का दाम 20-30 गुना बढ़ जाने के दौर में इलाज का खर्च हमारी सोच से भी ऊपर चला गया है.
ऐसे में अगर आपके पास एक इमर्जेंसी फंड है तो इसे बढ़ाना जारी रखें. अगर आप इसे शुरू करना चाहते हैं तो अभी ही इसकी शुरुआत कर दें.
अपने बिना वजह के खर्चों को खत्म कर दीजिए और इमर्जेंसी फंड के लिए पैसे जुटाना शुरू कर दीजिए. एक छोटी रकम से भी शुरुआत करना बुरा नहीं है.
वक्त के साथ यही पूंजी बड़ी होती जाती है और आपको किसी मुश्किल वक्त में फंसने पर बचाती है.
इसके अलावा आम लोगों को दो और कदम उठाने चाहिए. पहला, आपको अपनी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज का प्रीमियम देते रहना चाहिए.
अगर आप सरकारी बीमा योजनाओं के योग्य नहीं हैं तो आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद लेनी चाहिए. अगर आपके पास पहले से कोई हेल्थ बीमा है तो इसे हर हाल में जारी रखें. बल्कि अगर मुमकिन हो सके तो इसे टॉप-अप कर लें.
साथ ही, आपको अपने परिवार की सुरक्षा के लिए एक जीवन बीमा कवर भी लेना चाहिए. टर्म इंश्योरेंस पॉलिसीज का प्रीमियम आम एंडोवमेंट पॉलिसीज के मुकाबले कम होता है और इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.