भारत में कोविड महामारी की दूसरी लहर शहरों के लिए तबाही लेकर आई है. इस दफा उद्योग जगत ने अपने कर्मचारियों का साथ देने में इस मुश्किल वक्त में बड़ा दिल दिखाया है. ऐसे में अब केंद्र सरकार की बारी है कि वह भी केंद्रीय कर्मचारियों को राहत देने के लिए अपना खजाना खोले.
सरकार ने पिछले साल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते (DA) को रोक दिया था. ये रोक 31 जून 2021 तक जारी रहेगी. हालांकि, मार्च 2021 में सरकार ने कहा है कि DA बेनेफिट को 1 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा.
ऐसे में अब सरकार को अपने वादे को पूरा करना चाहिए. राज्यों को भी ये राहत अपने कर्मचारियों को देनी चाहिए. मौजूदा हालात में वित्तीय समझदारी (Fiscal Prudence) के लिए कुछ वक्त रुका जा सकता है.
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले 1.5 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों के वैरिएबल डियरनेस अलाउंस को बढ़ा दिया गया है.
ये बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी होगी. इसमें सेंट्रल स्फियर एंप्लॉयीज और वर्कर्स की न्यूनतम वेतन की दर में भी बढ़ोतरी होगी.
ये इजाफा सेंट्रल स्फियर में शेड्यूल्ड एंप्लॉयमेंट के लिए होगा. साथ ही ये केंद्रीय सरकार के अधीन संस्थान, रेलवे प्रशासन, माइन्स, ऑयल फील्ड्स, बड़े पोर्ट्स या केंद्र के खड़े किए कॉरपोरेशनों पर लागू होगा. ये रेट्स कॉन्ट्रैक्ट और कैजुअल एंप्लॉयीज और वर्कर्स पर भी लागू होंगे.
सरकार ने कोरोना की लहर को देखते हुए जून 2021 तक महंगाई भत्ता रोककर एक सही फैसला लिया था. तकरीबन एक करोड़ केंद्रीय कमर्चारियों और पेंशनरों को इसका लाभ मिलना है. पिछले साल से महंगाई भत्ते की तीन किस्तें बकाया हैं.
सैलरीड और पेंशनर क्लास टैक्स चुकाने वाले सबसे प्रतिबद्ध तबके में आते हैं और ऐसे में इन्हें इनका हक मिलना चाहिए.
पिछले साल खर्चों को कम करने की सरकार की कोशिशों में इस वर्ग ने पूरा साथ निभाया है. वास्तविकता में DA जारी करने से डिमांड साइकल में मजबूती आएगी और इससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा.