लोनः चैन से रहेंगे अगर इस बिन बुलाए मेहमान को घर नहीं आने देंगे

कई दफा लोग ऐसी चीजों की खरीदारी कर लेते हैं जिनकी उन्हें जरूरत नहीं होती है, इसके लिए आप लोन लेते हैं और फिर ऊंचा ब्याज चुकाते हैं.

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एजुकेशन लोन स्कीम स्टूडेंट को लंबी अवधि के लिए लोन लेने का फायदा देती है.

एजुकेशन लोन स्कीम स्टूडेंट को लंबी अवधि के लिए लोन लेने का फायदा देती है.

मौजूदा माहौल में अगर आप सैलरीड शख्स हैं तो आपके लिए लोन लेना ट्रेन टिकट बुक करने से भी आसान है. झटपट मिल रहे लोन के चक्कर में लोग बिना वजह उधार ले लेते हैं और जरूरत से ज्यादा पैसा चुकाने को मजबूर हो जाते हैं.

मिसाल के तौर पर, किसी भी पर्सनल लोन का ब्याज दर 12% से 18% के बीच होता है, लेकिन उधार लेते वक्त आपको 1 से 1.5% प्रतिमाह का ब्याज बताया जाता है. शुरुआत में ये दर बेहद कम लगती है, लेकिन अगर आप इसकी तुलना FD पर मिलने वाले 0.5-0.66% ब्याज से करें तो आपको असली फर्क समझ आता है.

इसके अलावा, अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो चीजें और ज्यादा मुश्किल भरी हो जाती हैं. क्रेडिट कार्ड कंपनियां बकाया रकम पर 3-4% ब्याज हर महीने लेती हैं. अगर आप केवल न्यूनतम बकाया रकम चुकाने की सोचते हैं तो एक बार फिर से सोचिए क्योंकि बकाया रकम पर ब्याज लगता है.

ऐसे में अगर आप क्रेडिट कार्ड से 50,000 रुपये का लैपटॉप खरीदते हैं और केवल 5,000 रुपये का न्यूनतम बकाया चुकाते हैं तो इस खरीदारी पर बची 45,000 रुपये पर आपको अगले बिल में 3% ब्याज के साथ ये रकम चुकानी पड़ेगी जो कि 46,350 रुपये बैठती है. अगर आप इस बिल में भी ये पूरी रकम नहीं चुका पाते हैं तो आपको और ज्यादा रकम चुकानी पड़ेगी.

इससे ये सवाल पैदा होता है कि आपको क्या वाकई इस तरह के लोन की जरूरत है? इसका सीधा जवाब है- नहीं. ऐसे में इस तरह के कर्ज के जाल से बचने का क्या रास्ता है? यहां हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैंः

1. अफॉर्डेबिलिटी

अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में हर शख्स को इस नियम का पालन करना चाहिए. दुनिया में कई चीजें हैं जो आप खरीद सकते हैं, लेकिन क्या आप इन्हें अफॉर्ड कर सकते हैं. अगर आप चीजें खरीदते हैं तो इनकी अफॉर्डेबिलिटी को जरूर देखिए. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं.

2. जरूरत

हर शख्स के सामने सबसे आम मुश्किल गैर-जरूरी चीजें खरीदने की है. अगर आपको जरूरत नहीं है तो आप कई दफा बिना वजह की चीजें खरीद लेते हैं और इस तरह से आप बचत की बजाय पैसा बर्बाद कर देते हैं.

ये हमेशा अच्छा होता है कि आप अपनी जरूरतों को समझें और फालतू का खर्च न करें. इससे आपका पैसा भी बचेगा और आप बजट के भीतर भी रहेंगे.

3. पहले बचाएं, फिर खर्च करें

ज्यादातर लोग खरीदते पहले हैं और बाद में बचत करते हैं. लेकिन, इससे आमतौर पर आप बचत कर ही नहीं पाते हैं. ऐसे में आपके पास आपात स्थिति से निपटने के लिए पैसा नहीं होता है.

लेटेस्ट स्मार्टफोन या कोई गैजेट खरीदने से आपका काफी पैसा जेब से निकल सकता है और ऐसे में आपके पास महीने के आखिर में न के बराबर पैसा बचता है.

EMI पर खरीदारी करने पर आपको अतिरिक्त पैसे चुकाने पड़ते हैं. मान लीजिए कि आप 30,000 रुपये महीने कमाते हैं और इसका 10% हिस्सा ही बचत करते हैं तो 12 महीने में आपके पास 36,000 रुपये हो जाएंगे. इससे आप अपने मासिक खर्चों को गड़बड़ाए बगैर अपना पसंदीदा गैजेट खरीद सकते हैं.

4. कुछ भी मुफ्त नहीं है

लोग अक्सर मार्केटिंग के ट्रैप में फंस जाते हैं. लोग जीरो जॉइनिंग फीस, आसान EMI ऑप्शन, नो कॉस्ट EMI जैसे झांसों में फंस जाते हैं. लेकिन, याद रखिए कि कुछ भी मुफ्त नहीं होता है.

इस तरह की खरीदारी करने पर जब भी आप डिफॉल्ट करते हैं या पैसे चुकाने में देरी करते हैं तो आपको तगड़ा ब्याज देना पड़ता है.

लोन एक ऐसा मेहमान है जिसे कोई भी अपने घर में नहीं लाना चाहता है. धैर्य से आपकी पूंजी बढ़ती है, ऐसे में अपने दोस्तों, पड़ोसियों या साथी कर्मचारियों की खरीदारी से लालच मन में पैदा न करें.

अपने लक्ष्य तय करें और उनके लिए बचत शुरू कर दें. अपने सिद्धांतों पर टिके रहें. इन चार नियमों का पालन करना जरूरी है ताकि आप भविष्य के लिहाज से बड़ी पूंजी खड़ी कर सकें.

(लेखक मनी मंत्रा के फाउंडर हैं. कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.)

Published - June 6, 2021, 12:45 IST