किसी वेबसाइट या ऐप पर लॉग इन करते ही क्या आपके पास तुरंत कंपनी का फोन आने लगता है? पहले मैं अनजान नंबर के फोन कॉल्स नज़रअंदाज़ कर देती थी इसलिए शायद कम पता चलता था. लेकिन, कोरोना के दौर में कोशिश रहती है कि हर कॉल को उठा लूं. शायद कोई इमरजेंसी कॉल हो.
आप ये सोचकर फोन उठाते हैं कि पता नहीं कौन कॉल कर रहा होगा और दूसरी तरफ से आवाज़ आती है कंपनी के एक अति-उत्साहित रेप्रेजेंटेटिव की. वही कंपनी जिसकी वेबसाइट या ऐप को आप देख रहे हों.
परेशान करने की हद तक कॉल्स
सभी को इन दिनों इंश्योरेंस की फिक्र है. इंश्योरेंस की तुलना करने वाली एक कंपनी की वेबसाइट पर मुझे भी लगा कि अपना इंश्योरेस दूसरों के मुकाबले कैसा है चेक कर लिया जाए.
इसे देखने के लिए वेबसाइट ने एक–एक कर डिटेल्स मांगने शुरू किए. एक दो लाइन भरने के बाद मुझे इसे पूरा करने का समय नहीं मिला और आधे में ही मैंने वेबसाइट से लॉग ऑफ कर दिया. लेकिन, चंद मिनट ही काफी थे वेबसाइट के बॉट को मेरी इंफॉर्मेशन हासिल करने के लिए.
फिर कॉल का सिलसिला. जिसमें मेरे ये भी कहने पर कि देखिए मुझे अभी कुछ खरीदना नहीं है तो तपाक से बोलेंगे कि आप व्यस्त हैं, आप हमें बताइए हम आपको कब कॉल करें? अरे भाई मेरी तो सुन लीजिए, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं.
ऐप डाउनलोड किया और कॉल्स का सिलसिला शुरू
एक फिनटेक ऐप मैंने डाउनलोड किया. इरादा था बस देखने का. उस ऐप ने जब मुझसे मेरे दस्तखत मांगे तो मुझे फिर आगे कुछ भरने का या देखने का मन नहीं किया.
लेकिन, अगले दिन मुझे चार कॉल अलग–अलग समय में आ गईं. रात को 9 बजे इन ऐप वालों ने फिर फोन टनटनाया और मैंने फोन उठा लिया. इस बार बोला गया कि आपने जो शेयर खरीदे हैं उसकी ट्रांजैक्शन पूरी करनी है.
मैेने बताया कि मेरे पास न डीमैट अकाउंट है न ही कोई शेयर? लेकिन इसका उन महोदया पर कोई फर्क नहीं पड़ा. वे बोलीं कि आपने फलां दिन इतने बजे लॉग इन किया था.
ये जानकारी तो सही थी उनकी, लेकिन मैंने कोई ट्रांजैक्शन ही नहीं किया था. अब पूछती हैं कि लॉग इन क्यों किया और ऐप डाउनलोड किया तो कुछ तो आपको चाहिए होगा? खैर फोन काटा और नमस्ते किया.
जानकारियों के दुरुपयोग का मसला
लेकिन, क्या कोई मेरे जैसे कंज्यूमर की सुनने वाला है? टेलिकॉम कंपनियों की सो कॉल्ड ‘डू नॉट कॉल‘ (DND) रजिस्ट्री में संदेश भेजने के बाद भी क्या आप स्पैम कॉल से बच गए?
अब इन वेबसाइट और ऐप को स्पैम कॉल भी नहीं माना जाएगा क्योंकि मैं खुद इनमें लॉग इन कर रहीं हूं. अपनी डिटेल दे रहीं हूं क्योंकि उसके बिना मैं आगे ही नहीं बढ़ पाउंगी.
लेकिन, क्या इनका इस कदर मुझे फोन करना सही है? क्या ये मेरी निजी जानकारियों का दुरुपयोग नहीं है? शायद नहीं क्योंकि अब आपकी कोई जानकारी निजी ही नहीं रही है. हम और आप घर में सिमट कर रह गए हैं.
लेकिन, कहीं उल्टा न पड़ जाए दांव
फिनटेक ऐप के सहारे ही वित्तीय ट्रांजेक्शन हो रहे हैं. हम इन्हें पैसे भी दे रहे हैं और अपनी जानकरियां भी. इनकी दुकान को हम चमका रहे हैं और इनके गुलाम भी बन गए हैं.
आपने दो बातें गौर की होंगी. जिन सेक्टर की कंपनियों का मैने ज़िक्र किया IPL मैच में इनसे जुड़े होर्डिंग और ऐड भरे पड़े थे. दूसरी बात ये कि इनकी सेवाओं के गुणगान भी होते हैं, लेकिन क्या किसी पेमेंट या सर्विस के अटकने पर इतनी ही मुस्तैदी से क्या ये कंपनियां समाधान भी पहुंचाती हैं?
इन कंपनियों को समझना होगा कि इनकी एग्रेसिव मार्केटिंग स्ट्रैटेजी बैकफायर भी कर सकती है और नए सब्सक्राइबर या मेंबर जोड़ने की जगह भगा भी सकती है.