निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को पाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इसमें सबसे आम तरीकों में से एक है ऐसे निवेश को चुनना जो सबसे ज्यादा रिटर्न देता है. और जल्दी रिटर्न की उम्मीद में ज्यादातर उल्टा परिणाम ही होता है क्योंकि चीजें उम्मीद के मुताबिक नहीं होती हैं. सबसे अच्छे निवेश विकल्प (Investment option) के पीछे दौड़ने के बजाय एक और तरीका है जो सफलता की संभावना को बढ़ाता है.
नियमित निवेश
सबसे पहली चीज़ों में से एक है ऐसे लक्ष्य को निर्धारित करना है, जिसे हासिल करना हो. इसमें शामिल होगी एक राशि और वो अवधि जिसमें यह हासिल किया जाना है. यह पूरी Investment प्रक्रिया का शुरुआती बिंदु है और फिर अगली चीज़ होगी उस राशि का तय होना जिसे हर महीने निवेश किया जा सके. यही सफलता का आधार है क्योंकि विभिन्न विकल्पों में हर महीने एक नियमित राशि का निवेश सबसे बेहतर है. यह प्रक्रिया वह कुंजी है जो निर्धारित करेगी कि दिन के अंत में आपके निवेश अच्छे रिटर्न अर्जित करने में सक्षम हैं या नहीं. ध्यान दें कि रिटर्न सबसे अच्छा नहीं होगा क्योंकि यह भविष्यवाणी करना असंभव है कि उच्चतम रिटर्न क्या मिलेगा लेकिन जब तक आपके सारे रिटर्न अच्छे होते हैं निवेशक का काम पूरा हो जाता है. नियमित निवेश करने का मुख्य कारण यह है कि यह सभी अच्छे और बुरे समय का ख्याल रखेगा. हर एसेट क्लास में उतार-चढ़ाव होता है और केवल वही लोग जो इन दोनों समय के साथ रहते हैं, वे अच्छे प्रदर्शन रिकॉर्ड की संभावना रखते हैं. उदाहरण के लिए, जब चीजें ठीक हो रही हों, तो निवेशक अधिक Investment करना चाहेगा, लेकिन लागत अधिक होगी. दूसरी ओर, जब समय खराब होता है, तो निवेशक को अधिक नुकसान के डर से निवेश करने का दिल नहीं करेगा. यही वह समय है जहाँ नियमित निवेश सुनिश्चित करते हैं कि अच्छे और बुरे दोनों समय समरूप हों.
कार्रवाई मायने रखती है
म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश को सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) भी कहा जाता है और इसे कुछ अन्य नाम भी दिए गए हैं. लेकिन नियमित निवेश करने के लिए और भी बहुत कुछ है क्योंकि निवेश को जारी रखना पूरी प्रक्रिया की कुंजी है. इसका मतलब यह है कि जब समय खराब होता है तो रुकना नहीं पड़ता है और व्यक्तिगत वित्तीय असफलताओँ के वक्त भी ये जारी रहता है. नियमित Investment के लिए एक अतिरिक्त तत्व है कि आंकड़ा वास्तव में समय बीतने के साथ बढ़ना चाहिए. आमतौर पर किसी व्यक्ति के आय स्तर में वृद्धि होती है क्योंकि वे अपने करियर में वृद्धि करते हैं और साथ ही मुद्रास्फीति के प्रभाव पर भी विचार करने की आवश्यकता होती है. ऐसी स्थिति में निवेश की जाने वाली राशि को भी नियमित रूप से बढ़ाया जाना चाहिए. एक बार यह पूरा हो जाने के बाद, आपका पूरा पैसे बढ़ता रहेगा और वो भी बड़े फायदे के साथ. इसलिए, दिन के अंत में प्रत्येक निवेशक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अनुशासन बनाए रखें और अच्छे और बुरे दोनों समय में निवेश करते रहें.
(लेखक मनीएडूस्कूल के संस्थापक हैं)
Disclaimer: कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.्