अगर आप एक गिरावट के दौर से उबर रहे हैं तो सबसे अच्छी चीज ये होती है कि ग्रोथ को नई नौकरियों का सपोर्ट मिले. हम अपनी याद्दाश्त के सबसे उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में नई नौकरियों के आंकड़ों पर सबसे ज्यादा नजर रहने वाली है. बिना नौकरियों वाली ग्रोथ का आम लोगों और सरकार दोनों के लिए ही कोई मतलब नहीं है. नौकरियों के साथ होने वाली ग्रोथ ऐसी स्थितियां पैदा करती है जिसमें मांग में बढ़ोतरी होती है और इसका अर्थव्यवस्था पर ज्यादा अच्छा असर पड़ता है. TCS जैसी दिग्गज आईटी कंपनी की अगुवाई में भारतीय इंफॉर्मेशन सेक्टर नए रिक्रूटमेंट की राह पर बढ़ चला है और मौजूदा कर्मचारियों को रिवॉर्ड भी दे रहा है.
पूरी दुनिया में कंपनियों के कामकाज के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव हो रहा है और ऐसे में इन्हें भारतीय IT विशेषज्ञता की जरूरत पड़ रही है ताकि वे अपने कामकाज को डिजिटाइज कर सकें. 2021-22 में अर्थव्यवस्था में तेजी के साथ कई दूसरे सेक्टरों को भी फायदा होने की उम्मीद है.
ज्यादातर वैश्विक संस्थाएं और रेटिंग एजेंसियों ने अगले वित्त वर्ष में डबल डिजिट ग्रोथ का अनुमान जताया है. इसका सीधा असर जॉब मार्केट में नई नौकरियां पैदा होने के तौर पर दिखाई देगा. कुछ सेक्टर चौथे क्वॉर्टर में पहले ही बढ़िया रुझान दिखा रहे हैं. बड़ी संख्या में कस्ट्रक्शन वर्कर्स साइट्स पर लौट आए हैं और इससे रियल्टी सेक्टर में गतिविधियों में तेजी आई है. इसका असर सीमेंट और स्टील के साथ ही पेंट और दूसरे सेक्टरों में भी दिखाई दे रहा है. आखिरी क्वॉर्टर में जिन सेक्टरों से जॉब मार्केट को तेजी मिल सकती है उनमें ट्रांसपोर्टेशन, यूटिलिटीज और फाइनेंस सेक्टर शामिल हैं.
एग्रीकल्चर सेक्टर में मजबूत ग्रोथ से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिमांड को ऊपर ले जाने में मदद मिली है. दूसरे सेक्टरों में भी धीरे-धीरे ग्रोथ दिखाई देने के साथ ही ऐसा लग रहा है कि नए वित्त वर्ष में हायरिंग का दौर अच्छा रहने वाला है.