युद्ध में अनाथ होने वाले बच्चों के लिए दुनिया में हमेशा एक खास जगह रही है. हर साल पूरी दुनिया 6 जनवरी को युद्ध अनाथ दिवस मनाती है ताकि समाज में इन बच्चों के प्रति संवेदनशीलता पैदा की जा सके.
अब भारत में सरकारों के लिए वो घड़ी आ गई है कि जब उन्हें कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों (Covid orphans) के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने शुरू कर देने चाहिए.
समाज और अर्थव्यवस्था में तबाही पैदा करने के अलावा इस महामारी ने बड़ी संख्या में बच्चों के सिर से मां और बाप का साया भी छीन लिया है. इनमें बच्चों से लेकर नवजात शिशु तक शामिल हैं.
इनमें से कुछ बच्चे भाग्यशाली हैं कि उनकी देखभाल करने के लिए रिश्तेदार मौजूद हैं. लेकिन, बाकी बच्चों के साथ ऐसा नहीं है और इनके जीवन के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं.
दुख की इस घड़ी में सरकार को कदम उठाने चाहिए और कोविड की वजह से अनाथ हुए इन बच्चों (Covid orphans) की एक सूची बनानी चाहिए. इस कड़ी में अगला कदम इनके भविष्य को हर हालत में सुरक्षित करने का होना चाहिए. इस लड़ाई में सरकार को एनजीओ और दूसरे संस्थानों की मदद लेनी चाहिए.
इसी के साथ ये ही अहम वक्त है जबकि पेरेंट्स को अपने बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए योजना बनानी चाहिए. हालांकि, पैसे मां-बाप की कमी की भरपाई नहीं कर सकते हैं, लेकिन इससे बच्चों के बढ़ने के वक्त की जरूरतें पूरी हो सकती हैं.
पेरेंट्स को इस लिहाज से योजना बनानी चाहिए और अपने निवेश के लिए नॉमिनी तय करने चाहिए.
एक्सपर्ट्स अक्सर आपको आपकी सैलरी के कम से कम 10 गुने का टर्म प्लान लेने की सलाह देते हैं जिसमें आपका घर और अन्य लाइबिलिटीज कवर हो सकें. पेरेंट्स को जितना जल्द मुमकिन हो कर्ज से मुक्त हो जाना चाहिए.
आखिर में इन्हें अपने लिए एक घर भी खरीद लेना चाहिए. ये सभी आगे चलकर आपके बच्चे को वित्तीय रूप से सुरक्षित बनाते हैं.