फाइनेंशियल नॉलेज के बिना खुद की स्थिती बेहतर करना असंभव है

Financial Literacy के बिना खुद को गरीबी से बाहर निकालना असंभव है. जिस तरह से पैसा बचाया जा सकता है उसी तरह जरूरत पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

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PTI

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वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) के बिना खुद को गरीबी से बाहर निकालना असंभव है. जिस तरह से पैसा बचाया जा सकता है, निवेश किया जा सकता है और परिवार के लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके बारे (Financial Literacy) में जागरूक होना चाहिए. भारत के अशिक्षित समुदायों में महिलाए्र पारंपरिक रूप से अपने बच्चों के पालन-पोषण के साथ और परिवार के व्यापार से संबंधित किसी भी प्रकार के काम के साथ, अपने घर के कामों को संभालने में लगी हुई हैं.

इसमें घरेलू पशुओं की देखभाल करना, विशेष रूप से कृषि कार्य में सहायता प्रदान करना, फसलों की बुवाई और कटाई के दौरान निर्माण कार्य में श्रम के रूप में काम करना आदि बहुत कुछ शामिल हैं. एक विशिष्ट भारतीय परिवार में महिलाओं द्वारा विशेष रूप से निम्न आय वर्ग में किए जाने वाले काम का ये प्रमाण है. ओवरटाइम हमें प्रभावी ढंग से घर चलाने में समर्थन करने के लिए श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि देखी गई है. महिलाओं को अपने घरों के भीतर और बाहर आर्थिक गतिविधियों और वित्तीय निर्णय लेने में प्रभावी रूप से भाग लेने के लिए वित्तीय ज्ञान, आत्मविश्वास और कौशल प्राप्त करने की जरूरत होती है.

एक शोध के मुताबिक, 62 प्रतिशत भारतीय महिलाएं जो 411 मिलियन की एक अनुमानित संख्‍या है उनके पास बैंक अकाउंट भी नहीं है. वहीं उनकी बैंकिंग सेवाओं तक उनकी सीमित पहुंच है. यह आगे समस्याग्रस्त हो जाता है. वहीं फोन और इंटरनेट तक पहुंच की बात करें तो केवल 2 प्रतिशत महिलाओं के पास ही मोबाइल बैंकिंग है. जिससे उन्‍हें डिजिटल बैंकिंग के दायरे में लाना और भी बदतर हो गया है.

वंचित समुदायों में महिलाओं के साथ जुड़ने के दौरान हमारे अनुभव में, हमने महसूस किया कि वित्तीय प्रबंधन और अवसरों पर उनकी जानकारी और जागरूकता में बहुत बड़ा अंतर है. अगर उन्हें प्रासंगिक प्रदर्शन और प्रशिक्षण दिया जाता है तो वे अपने परिवार के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए बेहतर निर्णय ले सकते हैं. वे बचत करने के लिए बेहतर समझ और योगदान के लिए सही फैसले लेने में सक्षम होंगे. एक पारिवारिक व्यवसाय ये सुनिश्चित करते हैं कि वे असंगठित ऋण बाजारों से दूर चले जाएं.

इसी के साथ भविष्य के खर्चों के लिए अग्रिम योजना बनाना जरूरी है. बीमारी और अन्य आपात स्थितियों पर खर्चा, बच्चों की शिक्षा की योजना बनाना, किराये की बचत के लिए घर बनाना, बुढ़ापे की देखभाल के लिए बचत और खर्च महत्वपूर्ण हैं. दुर्भाग्य से, इस प्रकार की वित्तीय योजना की उन्‍हें कोई जानकारी नहीं है. इस तरह के बहुत सारे परिवार भारी ऋण और बाद में उन्हें भुगतान करने में असमर्थता के कारण कर्ज के जाल में फंस जाते हैं.

स्माइल फाउंडेशन के स्वाभिमान कार्यक्रम के तहत वित्तीय विशेषज्ञों द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं का समर्थन करना और उन्हें सरलता से प्रशिक्षित करना है ताकि वे सक्षम हों:
– खर्च और बचत का हिसाब रखें
– ब्याज दरों और ऋणों को समझें और जिम्मेदार निर्णय लें
– आर्थिक कल्याण के लिए निवेश, लागत-मूल्य निर्धारण और समय को समझें
– सरकार और बैंकों और गैर सरकारी संगठनों की योजनाओं और अवसरों का लाभ उठाएं
– उनके घर और छोटे व्यवसाय में पॉजिटिव बदलाव लाएं
– उनका मासिक खर्च और बचत योजनाएं बनाएं
– उचित वित्तीय सेवाओं और उत्पादों को चुनने और उपयोग करने के लिए सशक्त बनने के साथ-साथ उद्यमशीलता की गतिविधियों को बेहतर तरीके से विकसित और प्रबंधित करने के लिए सशक्त बनें.

इस महिला दिवस पर हम उम्‍मीद करते हैं कि अधिक से अधिक महिलाएं वित्तीय शिक्षा की तलाश करें और अधिक आत्मविश्वास के साथ दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों का संचालन करने के लिए सशक्त बनें.

(लेखक स्‍माइल फाउंडेशन के कार्यकारी ट्रस्‍टी हैं. व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं)

Published - March 8, 2021, 05:10 IST