मुझे यकीन है कि अब तक आप में से बहुत से लोगों ने इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) और इसकी जरूरत के बारे में सुना होगा. हम अक्सर लोगों से ‘रेनी डे फंड’ (Rainy Day Fund) बनाने के लिए कहते थे. इसके लिए हमें अक्सर लोगों से कई तरह के तर्क का सामना करना पड़ता था. मगर, महामारी और इसके साथ जन्मीं दिक्कतों ने इस फंड की आवश्यकता की वकालत करने में मदद की है.
हमें इमरजेंसी फंड की आवश्यकता क्यों है, ये बताकर मैं आपको बोर नहीं करूंगी. इसके बजाय, मैं अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर दूंगी जैसे, इमरजेंसी फंड बनाएं तो कैसे.
मैं चाहती हूं कि आप निम्नलिखित शब्दों को अपने दिमाग में दोहराएं या बस उन्हें जोर से पढ़ें कि ‘कोई भी राशि मेरे इमरजेंसी फंड के लिए छोटी नहीं है’.
1. अगर आप महीने में 4 बार बाहर से खाना मंगवाते हैं, तो एक ऑर्डर में कटौती करें और इस पैसे को अपने इमरजेंसी फंड में जोड़ें. आप अपने परिवार के आकार और जीवनशैली के आधार पर प्रति माह 400-2,000 रुपये बचा लेंगे.
2. अपनी मोबाइल प्लांस की जांच करें, खासकर पोस्टपेड प्लान की. सेलफोन कंपनियां अक्सर बेहतर प्लान लेकर आती हैं और आप 100 से 300 रुपये की बचत कर सकते हैं. यह भी देखें कि क्या प्रीपेड प्लान लेना आपके लिए बचत का काम कर सकता है.
3. क्योंकि हम सभी लंबे समय से फिल्मों के लिए नहीं जा पाए हैं, इसलिए आपके परिवार ने हर महीने फिल्मों में एक बार पॉप-कॉर्न में खर्च किया होगा. यहां होने वाले खर्च को इमरजेंसी फंड में जोड़ें.
4. क्या आप खुद को अलग-अलग ई-कॉमर्स ऐप्स के अपने शॉपिंग कार्ट में अक्सर चीजें जोड़ते हुए पाते हैं? 72 घंटे के नियम का प्रयोग करें. इन वस्तुओं को 72 घंटे तक कार्ट में ही रहने दें. आपको विश्वास नहीं होगा कि आप आवेग में खरीदारी ना कर कितनी बचत करेंगे.
अपने कार्ट से हटाए गए आइटम का ट्रैक रखें और उनके मूल्य को अपने इमरजेंसी फंड में स्थानांतरित करें.
5. पिछले एक साल में हमने कितना ईंधन खर्च किया है? या कैब का किराया? या ऑटो का किराया? या ट्रेन पास का किराया? जो कुछ भी आपने खर्च नहीं किया है, उसे इमरजेंसी फंड में स्थानांतरित करें.
6. हर महीने एक निश्चित राशि अलग रखें जैसे कि आपको इसे किसी प्रियजन को चुकाना है. कोई फर्क नहीं पड़ता कि राशि कितनी छोटी है. जैसे ही आपके बैंक खाते में पैसा हो, इसे इमरजेंसी फंड में शिफ्ट कर दें.
7. कपड़े धोने के बाद अगर जेब में कुछ पैसे दिख भी जाते हैं, तो इसे इस फंड में जोड़ें.
8. अपने पर्स, बैग, बटुए आदि को समय-समय पर साफ करें और आपको आश्चर्य होगा कि आपको वहां कितना पैसा मिलता है, जिसे आप भूल गए थे.
9. कोई भी उपहार, बोनस, अतिरिक्त पैसा जो आपको किसी से मिलता है, बस इमरजेंसी फंड में ट्रांसफर करें.
10. अंतिम, लेकिन कम से कम, इन राशियों को जमा करने के लिए एक अलग बैंक खाता / ई-वॉलेट बनाएं, ताकि आप इमरजेंसी फंड में वास्तविक वृद्धि देख सकें और नियमित खर्चों के लिए इसका उपयोग करने से भी बच सकें.
Disclaimer: मोहिनी महदेविया SOLUFIN की फाउंडर हैं. कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.
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