कोविड के दौर में चुनावः पहले वैक्सीनेशन हो तभी वोट की सोचें

हाल में 5 राज्यों में हुए चुनावों को भले ही आयोग अपनी सफलता माने, लेकिन ये हकीकत है कि इन्हें कराने के चक्कर में भारी लापरवाही बरती गई.

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रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऐसे मामले में नर्म रुख रखने के लिए कहा है.

रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऐसे मामले में नर्म रुख रखने के लिए कहा है.

चुनाव आयोग ने अगले साल की शुरुआत में 5 राज्यों में असेंबली इलेक्शन कराने का भरोसा जताया है. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील चंद्रा ने कहा है कि आयोग के पास अब कोविड के दौर में चुनाव कराने का काफी अनुभव है.

लेकिन, CEC के इस बयान से गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं. इन चार फैक्टर्स पर नजर डालते हैं. पहला, देश कोविड की दूसरी लहर से बेहाल है और अभी तक हम इससे उबर नहीं पाए हैं. दूसरा, कोविड की तीसरी लहर के आने का खतरा सिर पर मंडरा रहा है. तीसरा, देश की अभी महज 3.2% आबादी को ही वैक्सीन की दोनों डोज लग सकी हैं. चौथा, दुनिया में अभी किसी को नहीं पता कि कोविड का डर कब खत्म होगा और हमारी जिंदगियां कब सामान्य हो पाएंगी.

हाल में 5 राज्यों में हुए चुनावों को भले ही आयोग अपनी सफलता माने, लेकिन ये हकीकत है कि इन्हें कराने के चक्कर में भारी लापरवाही बरती गई. कोविड से बचाव के इंतजाम करने से फोकस हट गया और आज पूरा देश इसका खामियाजा भुगत रहा है. आयोग मद्रास हाईकोर्ट से लगी फटकार को भी न भूले. कोर्ट की टिप्पणी कि आयोग के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए, कोई सामान्य बात नहीं है. शायद आयोग ने इसे संजीदगी से नहीं लिया है.

अगले साल की शुरुआत में देश की 5 विधानसभाओं- UP, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर- का कार्यकाल पूरा हो रहा है. 2022 में UP में इलेक्शन के नतीजे 2024 के आम चुनावों की दिशा तय करने वाले साबित हो सकते हैं. ये चुनाव बेहद कांटे का होगा और हर पार्टी के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा होगा. राज्य में चुनावी सरगर्मी शुरू भी हो चुकी है. ऐसे में कोई पार्टी चुनाव प्रचार और रणनीति बनाने में पीछे नहीं रहेगी.

आयोग को सोचना होगा कि क्या कोविड को छोड़कर चुनावी जंग शुरू करने का ये सही वक्त है? देश के लिए कौन सी जंग ज्यादा अहम है?

केंद्र की मोदी सरकार पिछले कुछ वक्त से “एक देश, एक चुनाव” की पुरजोर वकालत कर रही है. ऐसे में क्या ये बेहतर नहीं होगा कि 2024 में ही सभी चुनाव एकसाथ कराए जाएं. सभी पार्टियों को इसमें एकराय दिखानी चाहिए. कोविड के हालात काबू में आने तक देश में कोई चुनाव नहीं होना चाहिए.

अगर सरकार और आयोग चुनाव कराने पर अड़ते हैं तो कोर्ट को इसमें दखल देना चाहिए.

चुनाव टाले जा सकते हैं, लेकिन पिछले एक साल में देश में लाखों लोगों को लील चुकी इस महामारी के खिलाफ जंग को नहीं टाला जा सकता. इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने और लोगों की जिंदगियां बचाने की है.

याद रखिए, लोग बचेंगे तभी लोकतंत्र भी रहेगा.

Published - June 2, 2021, 04:46 IST