Health Insurance : कोरोना वायरस आने के बाद से भारत में करीब 11 मिलियन लोग संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि अच्छी बात ये है कि इन संक्रमित मरीजों में से अब तक 10.7 मिलियन मरीज ठीक भी हो चुके हैं. वायरस के गंभीर लक्षणों जैसे बुखार और सांस लेने में तकलीफ होना आदि में मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है. कुछ मामलों में ठीक होने के बाद दोबारा कोरोना के लक्षण देखने को मिले. इनमें से कई मामलों में मरीजों की मौत भी हुई.
कोविद ने निश्चित रूप से व्यापक स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) और जीवन कवर की जरूरत के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाई है. आम जनता ने अचानक बीमारी होने आदि के चलते फाइनेंशियल नुकसान को देखते हुए बीमा पॉलिसी (Health Insurance) खरीदने में तेजी दिखाई. इसी का नतीजा है कि वित्त वर्ष 20-21 के जनवरी माह में रिटेल हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में 29 प्रतिशत तक की वृद्धि देखने को मिली है. हालांकि नियामक और बीमाकर्ताओं ने कोविद के स्पेशल बीमा प्रोडेक्ट की घोषणा की है. अगर आप पिछले समय में कोविद से संक्रमित हो चुके हैं तो अब आपके पास क्या विकल्प हैं. क्या आप अब सामान्य स्वास्थ्य बीमा खरीदना चाहते हैं?
बीमा ब्रोकरेज फर्मों के साथ मीडिया रिपोर्टों और चर्चाओं के मुताबिक, हम पाते हैं कि वे व्यक्ति, जो हाल ही में कोविद से संक्रमित हुए हैं वो तुरंत बीमा कवर के लिए इलेजिबिल नहीं हो सकते हैं. कई बीमाकर्ता स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी जारी करने के वेटिंग पीरियड के साथ भी आए हैं. ये वेटिंग पीरियड कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद शुरू होता है. इसके बाद ही कोई व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा खरीद सकेगा. विभिन्न बीमाकर्ताओं के साथ यह प्रतीक्षा अवधि 15 दिनों से लेकर 90 दिनों तक होती है. टाटा एआईजी में 30 दिनों की कूलिंग ऑफ अवधि है. वहीं अन्य कंपनियां जैसे मैक्स बूपा, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, एचडीएफसी एर्गो केयर 90 दिनों की रिकवरी के बाद पॉलिसी जारी कर रही हैं.
सभी बीमाकर्ताओं के पास उनके प्रस्ताव में एक प्री इग्जीस्टिंग इलनेस एक्सक्लूसन क्लॉज भी है. इस क्लॉज के मुताबिक, आवेदन के समय उपस्थित विशिष्ट बीमारियां कुछ निश्चित वर्षों तक कवर नहीं की जाती हैं. बहिष्करण की इस अनिवार्य अवधि के बाद, बीमारी पॉलिसी के अंतर्गत आती है. इसलिए लंबे समय तक अस्पताल में रहने और गंभीर जटिलता के साथ कोविद मामलों में लंबे समय तक वेटिंग पीरियड और कोविद से संबंधित एक्सक्लूसन का सामना करना पड़ सकता है.
कोविद अभी एक हाल ही में आया हुआ संक्रमण है. इसके चलते अभी इसकी पोस्ट रिकवरी के लंबे पीरियड के बारे में मेडिकल वर्ल्ड पूरी तरह से निश्चित नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय जगत के विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना का आने वाले लंबे समय में स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है और ये सांस से संबंधित बीमारियां, फेफड़ों की क्षति और अन्य अंगों या अंग प्रणालियों में नुकसान पहुंचा सकता है. यह प्रभाव वास्तव में वरिष्ठ नागरिकों या हृदय रोग जैसी अन्य स्थितियों वाले रोगियों में गंभीर हो सकता है. भविष्यवाणियां हैं कि कोविद के इन दीर्घकालिक प्रभावों की घटना बीमाकर्ताओं के लिए नुकसान उठा सकती है. हम जानते हैं कि डेटा की कमी के कारण, भविष्य के जोखिम का पता लगाना कठिन है. लाइफ इंश्योरेंस कवर को अंडरराइट करने के लिए हाल ही में ग्रुप टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए कॉरपोरेट से बात करने के दौरान, टाटा एआईए जैसे बीमाकर्ता अब कोविद से विशिष्ट प्रश्न पूछ रहे हैं, जिससे संक्रमण की संभावना का पता लगाया जा सके या जोखिम कहा जा सके. बीमाकर्ता हाल ही में संक्रमित हुए मरीजों से अलग से अतिरिक्त प्रश्नावली भरने की मांग कर रहे हैं. कोविद के दीर्घकालिक प्रभाव पर स्पष्टता आने वाले महीनों और वर्षों में सामने आएगी. यह मानसिक बीमारी के मामलों के लिए विशेष रूप से सच है. आपके लिए सीखना यह है कि बड़ी बीमारी या कोविद की प्रतीक्षा न करें और फिर स्वास्थ्य बीमा खरीदने के बारे में सोचें बल्कि स्वस्थ होने पर इसे तुरंत खरीदें.
(लेखक आरआईए इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं.)
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