Women Home Buyers: कोविड-19 महामारी ने हर तरह से हमारी जिंदगी पर असर डाला है. महिलाओं पर जिम्मेदारियां बढ़ीं और दफ्तर-घर के बीच के बैलेंस पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा. कामकाजी महिलाओं ने पहले इस तरह का डिस्रप्शन नहीं देखा था. पर कई इस चुनौती के सामने डटी रहीं और काम और निजी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया. भले वो घर के रोजमर्रा के काम हों, ऑफिस की जिम्मेदारी या बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई.
मेरे हिसाब से, कोविड-19 ने हमारी जिंदगियों और इकोनॉमी पर भले ही बोझ बढ़ाया हो, लेकिन सभी बिजनेस में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (Digital Transformation) को भी जोर दिया. महामारी ने डिजिटल अपनाने में तेजी लाई. BFSI सेक्टर में डिजिटल अपनाने में बड़ी तेजी दिखाई है. कॉरपोरेट जगत में तेजी से टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कर्मचारियों को घर से या वे कोविड-19 में वे जहां चाहें वहां से काम करने की आजादी दी है. ये उन महिलाओं के लिए खास फायदेमंद साबित हुआ है जो माएं साथ में काम भी कर रही थी क्योंकि इससे खास तौर पर IT क्षेत्र की कंपनियों में वे काम पर बनी रह सकीं. वर्क फ्रॉम होम के आगे भी जारी रहने की उम्मीद से छोटे शहरों की वो महिलाएं जो किसी बड़े शहर में काम के लिए शिफ्ट नहीं होना चाहती उनके लिए और मौके आएंगे. इससे कंपनियों और कर्मचारी दोनों की लागत में भी कमी आएगी और छोटे शहरों के टैलेंट को भी सामने आने का मौका मिलेगा. आगे चलकर हमें और कॉरपोरेट तेजी से डिजिटाइसेशन और बिजनेस की रूपरेखा में बदलाव दिखेगा.
देश में महिलाएं जैसे जैसे फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस हासिल कर रही हैं, वैसे ही वे परिवार के लिए घर खरीदने जैसे बड़े फैसले भी ले रही हैं. हाउसिंग सेक्टर जिसमें मैं भी ऑपरेट करती हूं, अकेली महिला के लिए घर खरीदने (Women Home Buyers) का सबसे बड़ा फायदा होता है सिक्योरिटी और स्टेबिलिटी जो अपना खुद का घर होने से मिलता है. उदाहरण के तौर पर, HDFC ने महिलाओं को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक खास प्रोडक्ट है – वुमेन पावर (Women Power) जिसके तहत उन्हें कर्ज पर 5 बेसिस पॉइंट (0.05%) कम दर पर ब्याज मिलता है. इससे लोन की अवधि के दौरान कुछ बचत होती है और महिलाओं को प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी भी मिलती है क्योंकि इन प्रॉपर्टी पर इनके नाम में रजिस्ट्रेशन होता है.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उत्सवर पर हम 8, 9 और 10 मार्च को सभी महिला आवेदकों या को-एप्लिकेंट को 1500 रुपये (टैक्स अतिरिक्त) का स्पेशल फ्लैट प्रोसेसिंग फीस दे रहे हैं. वहीं वित्त वर्ष 2020 में मंजूरी मिले कुल लोन का 40 फीसदी महिला ग्राहक थीं. हमने महामारी के समय में होम लोन की जानकारी लेने वाली महिलाओं में 15 फीसदी का इजाफा दर्ज किया है.
महिला घर खरीदार के लिए फायदे
अब महिलाओं को घर खरीदने (Women Home Buyers) के लिए होम लोन पर कई फायदे मिलते हैं क्योंकि सरकार और वित्तीय संस्थान उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. कई राज्यों में महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में स्टैंप ड्यूटी कम लगती है. वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना में सरकार ने इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन और लो इनकम ग्रुप के लिए महिलाओं को साझा मालिकाना हक देना अनिवार्य किया है. स्कीम के तहत 2.3 लाख से 2.67 लाख तक के फायदे मिलते हैं. ऐसे लोन ये सुनिश्चित करते हैं कि महिलाओं के प्रॉपर्टी अधिकारों का सम्मान और सुरक्षा हो रही है क्योंकि प्रॉपर्टी में उनका नाम भी शामिल हो रहा है.
महिलाओं को घर पर मालिकाना हक हासिल करना अब आसान हुआ है – ब्याज दरें निचले स्तरों पर हैं, प्रॉपर्टी की कीमतों में स्थिरता, कुछ राज्यों का स्टैंप ड्यूटी घटाना और CLSS स्कीम में वित्तीय फायदे और छूट से महिलाओं के इस सपने को पूरा करने में मदद करेंगी.
(लेखिका HDFC Ltd की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.)
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