ये सब नजर का खेल है भैइया! जादूगर जादू कर जाएगा… किसी को समझ नहीं आएगा. याद है ना बचपन के वो खेल, जिसमें बाजुओं से रुमाल निकलता था. हाथ में रखा सिक्का गायब हो जाता था. याद है? कुछ ऐसी ही हाथ की सफाई (Digital Fraud) आजकल वर्चुअल वर्ल्ड में भी दिखाई जा रही है. स्मार्टफोन की इस रंग बदलती दुनिया में क्या तेरा है क्या मेरा है… वही दुनिया जहां बसेरा है डिजिटल डकैतों का. ना जाने कितने गिरोह एक्टिव हैं. सिर्फ एक डिजिटल चिट्ठी… अरे SMS, तो कभी कॉल तो कभी ईमेल.. जब तक समझ आया ‘डिजिटल जादूगर’ अपना खेल दिखा चुका होगा. पछताने के सिवा कहां कुछ है.
डिजिटल होते देश में डैकेती भी अब डिजिटल (Digital Fraud) ढंग से होने लगी है. ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं कि ये एक ट्रैप है. मैसेज आएगा और आप घबरा जाएंगे. आनन-फानन में मैसेज भेजने वाले की बातों में भी फंस सकते हैं. बहरहाल, मैसेज होता है- ‘अगले कुछ दिनों में आपका अकाउंट KYC नहीं होने की वजह से बंद हो जाएगा. अकाउंट में जमा आपका पैसा फंस जाएगा.’ लेकिन, खेल यहीं से शुरू होता है.
दरअसल, ये मैसेज आपको सिर्फ डराने के लिए ही था. क्योंकि, ‘जो डर गया समझो मर गया…’ अगर आप भी डर गए तो तुरन्त मैसेज में दिए नंबर पर फोन घुमा डालेंगे. हो सकता है मैसेज भेजते ही फोन भी आ जाए. तब तो सोने पर सुहागा.. मैसेज से तो डराएंगे ही, कॉल पर भी बतलाएंगे कि आपका अकाउंट ब्लॉक हो रहा है. कुल मिलाकर मकसद होता है कि आपको डराकर किसी भी तरह झांसे में फांस लिया जाए.
अब खेल आगे बढ़ता है. फोन पर बात करने वाला डिजिटल डैकेत (Digital Fraud) बार-बार एक ही बात कहेगा- ‘KYC का पूरा प्रोसेस आपको खुद फोलो करना है, मैं सिर्फ मदद के लिए हूं. कहीं भी फंसेंगे तो मैं हूं. बस यहीं वो चकमा दे जाता है. क्योंकि, उसे पता है आप तो फंसेंगे ही. भेजे गए मैसेज में लिंक भी दिया गया होता है या फिर कॉल पर बात करते-करते थमा देगा.
अगले ही सेकंड आपका फोन या लैपटॉप का रिमोट उसके हाथ होगा. फिर एक ही आवाज़ सुनाई देगी- अब लग गई… और अचानक आपके अकाउंट से पैसे ऐसे फुर्र हो रहे होंगे कि समझते-समझते आप कंगाल हो चुके होंगे.
डैकेती यहीं नहीं थमेगी. खुद को पाक-साफ बताने वाला वो शख्स इतना भी बता देगा कि आपके अकाउंट से गलत ट्रांजैक्शन हो रहा, लेकिन दिलासा भी वही देगा. कोई बात नहीं सरजी.. अभी ठीक हो जाएगा. कटे हुए पैसे भी वापस दिलाना का दावा ठोकेगा. लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं. पैसा जाते रहेंगे और आप हाथ ही मलेंगे.
फ्रॉडिए कहें या चकमा देने वाले.. इनके पूरे तरीके को आपको समझना होगा. KYC अपडेट करने का दावा करते हुए भेजे गए मैसेज में एक लिंक भेजा जाएगा. ये कोई KYC का मैसेज नहीं होगा. बल्कि, एक ऐप का डाउनलोड लिंक होता है. ये मिररिंग ऐप (Mirroring app) होते हैं. इन्हें स्क्रीन के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
इससे आपके स्मार्टफोन का ऐक्सेस किसी दूसरे के हाथ में होता है. इन ऐप्स का इस्तेमाल वैसे तो बड़ी आईटी कंपनियों में होता है. लेकिन, जालसाजों ने इसे अपना ही हथियार बना लिया है. इनका मकसद बहुत खतरनाक है.
मैसेज खोलने पर जब आप लिंक पर क्लिक करेंगे तो डाउनलोडिंग शुरू हो जाएगी. डाउनलोड होने पर ये ऐप्स आईडी मांगते हैं, जो आपके नंबर पर भेजी जाती है. फोन पर बात कर रहा वो शख्स आपसे इस डिजिट को शेयर करने के लिए कहेगा. कहा जाता है ये KYC रिक्वेस्ट आईडी है. आईडी बताने के बाद आपसे रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने को कहा जाएगा.
यहीं से आपका स्मार्टफोन का रिमोट एक्सेस उन्हें मिल जाता है. इसके बाद आपसे रिक्वेस्ट की जाती है कि कोई ट्रांजैक्शन कीजिए. चाहे वो वॉलेट के जरिए हो या फिर बैंकिंग ऐप्स के जरिए. इस ट्रांजैक्शन के जरिए आपकी सारी डिटेल्स वो जालसाज नोट कर लेता है. बस जरूरत है OTP की. अब यहां फिसल गए तो गए…
बड़े ट्रांजैक्शन का खेल यहां ध्यान दीजिए, रिमोट एक्सेस करने के बाद आपसे ट्रांजैक्शन करने को कहा गया था. उसका ही OTP आपके फोन पर आया है. लेकिन, उसमें ट्रांजैक्शन अमाउंट वो नहीं होगा जो आपने डाला होगा. बल्कि बड़े अमाउंट का ट्रांजैक्शन OTP होगा. जब तक आप सोचेंगे तब तक रिमोट एक्सेस के जरिए वो OTP डाल चुका होगा और आपके खाते से पैसे उड़ गए होंगे.
अब समझिए बचना कैसे है? इन डिजिटल लुटेरों (Digital Fraud) से बचने के लिए सिर्फ और सिर्फ समझदारी की जरूरत है. ऐसे किसी भी मैसेज में आए लिंक को कभी डाउनलोड न करें. चाहे बैंक का कर्मचारी हो या फिर कॉल सेंटर या फिर टोल फ्री नंबर से कॉल करने वाले बैंक के दूसरे डिपार्टमेंट के लोग. किसी को भी अपने स्मार्टफोन का एक्सेस या उसके कहने पर कोई ट्रांजैक्शन न करें. बात सिर्फ इतनी सी है सावधानी हटी, दुर्घटना घटी.
अब हमारी राय जान लीजिए- अगर ऐसे कॉल या मैसेज से आप परेशान हैं और कभी आपके अकाउंट से भी ऐसा कोई ट्रांजैक्शन हुआ है तो तुरन्त बैंक में कॉल करके कार्ड ब्लॉक करा दीजिए. पुलिस को FIR जरूर कराएं. ऐसे मामलों में पैसे मिलने की संभावना होती है. लेकिन, तब जब आप तेजी दिखाएंगे. RBI Kehta Hai- किसी भी तरह के फाइनेंशियल फ्रॉड की शिकायत अगर 3 दिन के अंदर की जाती है तो ही मान्य होगी.
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