COVID Insurance: व्हॉट्सऐप पर यह संदेश मिला: यदि किसी करीबी, रिश्तेदार, या परिचित के परिवार में हाल ही में कोई मृत्यु हुई हो. चाहे वह किसी भी कारण, बीमारी या कोविड -19 से हो गई हो, तो उनसे बैंक के खाता का विवरण देखने को कहें. यदि उनके पासबुक की प्रविष्टि में 01 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच बैंक ने 12/- या रु 330/- काटा हो तो इसे चिह्नित करें! और मृतक के परिजनों से कहें कि बैंक में जाकर दो लाख रुपए के लिए बीमा राशि का दावा प्रस्तुत करें! आप सभी से विनम्र आग्रह है कि यदि आपके आसपास ऐसी घटना हुई हो तो तुरंत पीड़ित परिवार अथवा उनके परिजनों को अवश्य सूचित करें यह बीमा दावा 90 दिनों के अन्दर करें और हो सके तो इस काम में उनका सहयोग भी कर दें. वर्ष 2015 से भारत सरकार ने ज्यादातर लोगों के बैंकों के हर बचत खाताधारकों को दो सस्ती बीमा योजनाएं प्रदान की थी. पहली – प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) 330/- रुपये में और दूसरी – प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) 12/- रुपये में. बैंक वालों ने अधिकांश लोगों ने इस फॉर्म को भरवाया था और इन दोनों बीमा की वार्षिक किस्त हमारे बचत खाते से प्रतिवर्ष कटती रहती है. इस संदेश को प्रसारित करने में सहयोग करें. हो सकता है कि आपके इस पुनीत प्रयास से किसी दुःखी परिवार को “दो लाख” रुपयों की आर्थिक मदद मिल जाए.
संदेश शायद कई लोगों को फॉरवर्ड किया गया हो. लिहाजा लगा कि इस संदेश में छिपे तथ्यों को पड़ताल कर ली जाए. याद कीजिए जब प्रधानमंत्री जन धन योजना का ऐलान किया गया, उसी के साथ दो योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा पर अमल शुरु हुआ. पहली योजना जहां जीवन बीमा से जुड़ी है. वहीं दूसरी दुर्घटना व उससे होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए है.
सबसे पहले यह समझना होगा कि न केवल जनधन, बल्कि दूसरे सभी खाताधारक भी दोनों योजना में भाग ले सकते हैं. बस शर्त इतनी है कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 18 से 50 वर्ष की उम्र का खाताधारक शामिल हो सकते हैं जबकि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए उम्र की ऊपरी व निचली सीमा क्रमश: 18 व 70 वर्ष है. पहली योजना में सालाना प्रीमियम जहां 330 रुपये है, वहीं दूसरी में 12 रुपये है. प्रीमियम की रकम सीधे खाते से जाएगी.
अब सबसे महत्वपूर्ण बात. प्रीमियम की रकम एक साल के लिए मान्य है और हर साल खाताधारक के लिए अपने बैंक को अनुमति देनी होगी कि वो प्रीमियम की रकम काट ले. खाताधारक चाहे तो एक बार में ही हर साल के लिए प्रीमियम जमा कराने की इजाजत दे सकता है. कोई भी खाताधारक कभी भी योजना से अलग हो सकता है और कभी भी जुड़ सकता है. एक और बात, जिस साल के लिए प्रीमियम अदा की जाएगी, उसी साल बीमा का फायदा मिलेगा. एक और खास बात, बीमा सुरक्षा 1 जून से 31 मई के बीच उपलब्ध होगी. अगर खाताधारक ने 31 मई के पहले प्रीमियम जमा करा दिया तो फिर 1 जून से बीमा सुरक्षा बहाल हो जाएगी.
दो-तीन बातों पर ध्यान देना बेहद जरुरी है. योजना स्वैच्छिक है. किसी भी तरह के शर्त को पूरी करने की कहीं कोई बात नहीं है. खास बात ये है कि सामान्य बीमा पॉलिसी और इन बीमा पॉलिसी में फर्क यह है पहली स्थिति में स्वतंत्र पॉलिसी ली जाती है जबकि दूसरी स्थिति में मास्टर पॉलिसी बैंक के नाम होती है. बहरहाल, तकनीकी तौर पर इससे बीमा के दावे के निपटारे पर कोई असर पड़ेगा.
कोविड महामारी के दौर में वैसे तो कई तरह की खास बीमा पॉलिसी (COVID Insurance Policy) बाजार में लायी गयी जिसमें सबसे ज्यादा जोर बीमारी के इलाज पर होने वाले खर्च पर दिया गया. मौत होने की सूरत मे पारम्परिक बीमा पॉलिसी पहले से ही मौजूद है, लेकिन उस भीड़ में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की कोई चर्चा नहीं होती. अब जब देश में निम्न मध्यम वर्ग से लेकर निम्न आय वर्ग के परिवारों पर कोविड की मार पड़ी तो सभी के लिए जरुरत इस बात की है कि एक बार जरूर याद कर लें कि क्या उन्होंने 330 रुपये का सालाना प्रीमियम अदा किया गया है. अगर हां, तो वो किस साल के लिए है और इसकी चर्चा परिवार वालों से जरुर कर लें, ताकी किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निबटने में मदद मिल सके.
ध्यान रहे कि कोविड से मृत्यु की सूरत में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के जरिए 2 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. अगर आपने केवल प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा में प्रीमियम अदा किया है तो वहां कोविड से मौत के बाद मुआवजा नहीं मिलेगा, क्योंकि यह कोई दुर्घटना नहीं है.
Disclaimer: शिशिर सिन्हा वरिष्ठ पत्रकार हैं. कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.
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