Compounding- बहुत वक्त पहले सुदूर, एक व्यक्ति रहता था, जिसने शतरंज के खेल की खोज की थी. उसने राजा के पास जाकर अपनी खोज को दिखाने का फैसला किया. रोमांचित होकर, राजा ने उस व्यक्ति को ईनाम देने का ऐलान किया.
उस चालाक आविष्कारक ने कहा कि “महाराज मुझे केवल उतने ही चावल चाहिए जितने की शतरंज के बोर्ड में 64 खानो में समां सके. लेकिन एक अनुरोध है कि जब आप खेल में एक खाने से आगे बढ़ेंगे, तो कृपया चावलों की तादाद दोगुनी कर देना. अगर आप पहले खाने पर चावल के एक दाने के साथ शुरू करते हैं, तो इसे दूसरे पर 2, तीसरे पर 4, चौथे पर 8 दाने रखना… और ऐसे ही आगे होते जाएंगे.”
राजा आश्चर्यचकित था क्योंकि उसे आविष्कारक की मांग काफी सामान्य लगी. खैर, वो अपने खजांची से आविष्कारक की मांग को पूरा करने का आदेश देता है. लेकिन खजांची राजा को बताता है कि उसके पूरे साम्राज्य में आविष्कारक की मांग के बराबर पर्याप्त चावल ही मौजूद नहीं है.
क्योंकि होता क्या है, कि जब आप पहले खाने में चावल के एक दाने के साथ शुरू करते हैं और अंतिम 64वें खाने तक हर वर्ग की संख्या दोगुनी करते हैं. तो 1 चावल का दाना 9223372036854780000 में बदल जाता है. जो करीब नौ क्विंटल, दो सौ तेईस शंख, तीन सौ बहत्तर लाख करोड़, छत्तीस अरब, आठ सौ चौरासी लाख, सात सौ और आठ हजार चावल के दाने हैं. इसकी कीमत पूरी दुनिया में हर साल पैदा किए जाने वाले अनाज की कीमत के बराबर है. इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि अल्बर्ट आइंस्टीन ने Compounding को दुनिया का आठवां अजूबा कहा है.
एक निवेशक के रूप में, आपको अपनी संपत्ति बढ़ाने के लिए Compounding का उपयोग करना चाहिए. वास्तव में, यह आपके निवेश की सूची में सबसे महत्वपूर्ण है. Compounding में काम करने के लिए आपको अपने निवेश से होने वाली कमाई को वापस लगाने की जरूरत है. अगर आपके 1 लाख रुपए के पोर्टफोलियो से साल के अंत में 12 हजार का मुनाफा होता है तो आपको इसे इनवेस्टमेंट पूल में लगा देना चाहिए. ताकि अगले साल आपके निवेश की शुरुआत 1,12,000 रुपए से हो.
अगर आप ऐसा करते हैं तो दो चीज़ें होंगी; पहली आपका मूलधन कोष बड़ा होगा और दूसरा, उस ज्यादा निवेश से आपका रिटर्न और ज्यादा मिलेगा.
इस बात को आप साधारण गणित के जरिए समझिए:
12% सालाना रिटर्न के साथ 1 लाख रुपये से आपको 12,000 रुपए का मुनाफा होगा
लेकिन 1,12,000 रुपये का 12% से आपको 13,440 रुपए मिलेंगे
अगले साल, आपके निवेश की शुरुआत 1,25,440 रुपये के कोष के साथ होगी, जिसका 12% रिटर्न 15,052 रुपये होंगे.
अब सोचिए, अगर रिटर्न का प्रतिशत और भी बढ़ जाए, तो आपका पैसा तेज गति से दोगुना होगा, इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है.
चूंकि कंपाउंडिंग (Compounding) का मकसद अपने निवेश को समय देने से है. ये तब और ज्यादा फायदेमंद हो जाता है, जब आप युवा दौर में निवेश करते हैं. आदर्श रूप से अपनी पहली सैलरी से. सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट शुरू करने से पहले कुछ साल इंतजार करना भी आपके लक्ष्यों पर भारी पड़ सकता है.
उदाहरण के तौर पर, अगर आप 20 से 35 साल के लिए 12% की दर से 2000 रुपए का निवेश करते हैं, तो आप अपने 55वें जन्मदिन पर करोड़पति होंगे. अगर आप 25 साल तक उसी राशि का निवेश शुरू करने के लिए 30 साल की उम्र होने का इंतजार करते हैं तो, आपको 55 साल में सिर्फ 32 लाख रुपए कमा पाएंगे. दूसरे शब्दों में समझें तो 10 साल के इंतजार ने आपकी कमाई को एक तिहाई तक कम कर दिया.
बेशक, जल्दी शुरू करने और कोर्स बनाए रखने के लिए जबरदस्त अनुशासन और योजना की जरूरत पड़ती है. मैं इसके बारे में आपको और बताऊंगा लेकिन अपने अगले कॉलम में.
लेखक के निजी विचार हैं.
Disclaimer: कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.
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