यह लगातार दूसरा साल है जब अक्षय तृतीया के मौके पर सर्राफा बाजार में खामोशी पसरी हुई है. बीते साल पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था, जबकि इस बार स्थानीय स्तर तालाबंदी ने पारंपरिक तौर पर सोना-चांदी खरीदने के दिन पर ग्रहण लगा दिया.
लेकिन, चिंता ना करिए, एक तरीका है. हां, सोना (Gold) भले ही भौतिक तौर पर खरीद नहीं पाएंगे, फिर भी सोने के भाव में आई तेजी का आप फायदा उठा सकेंगे. यही नहीं आठ साल तक कुछ अतिरिक्त रकम भी हर साल आपको मिलेगी.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जरिए सोने में निवेश
हम बात कर रहे हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की. इसमें अगले 6 महीने के दौरान छह बार पैसा लगाने के मौके मिलेंगे और वो भी घर बैठे. आप चाहें तो 1 ग्राम सोना खरीदें या फिर 4 किलो, हर तरह का विकल्प आपके पास उपलब्ध है. बस इतना है कि आपके हाथ में नहीं होते हुए भी सोना होगा.
6 किस्तों में निकलेंगे गोल्ड बॉन्ड
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, गोल्ड बॉन्ड (SGB) खरीदने का पहला मौका 17 से 21 मई के बीच मिलेगा, जबकि दूसरा 24-28 मई, तीसरा 31 मई-4 जून, चौथा 12-16 जुलाई, पांचवां 9-13 अगस्त और छठा मौका 30 अगस्त से 3 सितंबर के बीच मिलेगा.
ये है पूरी स्कीम
2015 में शुरू हुई 8 साल की इस योजना के तहत मियाद पूरी होने की तारीख से तीन दिन पहले 999 शुद्धता वाले सोने की औसत कीमत (इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की ओर से प्रकाशित) के आधार पर पैसा वापस मिलेगा.
आप चाहें तो 8 साल की बजाय 5 साल पूरा होने पर पैसा वापस ले सकते हैं. इतना ही नहीं, हर साल आपको ढाई फीसदी की दर से ब्याज भी मिलेगा.
दरअसल, यह योजना दो मकसद पूरा करती है. पहला तो यह सरकार को उधारी लेने में मदद करती है और दूसरा धातु के तौर पर सोने के आयात में कमी लाने का रास्ता बनाती है. योजना के तहत पैसा लगाने वालों को बॉन्ड जारी किया जाता है.
एक्सचेंजों में ट्रेडिंग की सहूलियत
आप चाहें तो यह बॉन्ड (SGB) एक कागजी सर्टिफिकेट के तौर पर रख सकते हैं, या फिर यदि आपके पास डीमैट अकाउंट है तो शेयरों की तरह उसे वहां रख सकते हैं. इस बॉन्ड (SGB) की शेयर बाजार में शेयरों की तरह खरीद-फरोख्त भी होती है.
अब सबसे जरूरी सवाल. किस कीमत पर पैसा आपको लगाना है? जिस सप्ताह पैसा लगाने की तारीख तय होती है, उसके ठीक पहले के सप्ताह में तीन दिन की कीमत का औसत ही आपकी ओर से दिए जाने वाले हर ग्राम सोने का भाव तय करेगा. मिसाल के तौर पर, 17-21 मई के बीच सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में आवेदन करने के लिए प्रति ग्राम सोने की कीमत 4,777 रुपये रखी गई है.
ऑनलाइन खरीद पर छूट
अगर आप ऑनलाइन आवेदन करें और डिजिटल माध्यम से भुगतान करें तो आपको 50 रुपये प्रति ग्राम की दर से छूट भी मिलेगी. तमाम बैंक आपको ऑनलाइन आवेदन की सुविधा मुहैया कराते हैं.
अगर किसी बैंक में जाकर आवेदन कर रहे हैं तो 20 हजार रुपये तक नकद दे सकते हैं, लेकिन उससे ज्यादा की रकम चेक या ड्राफ्ट के जरिए ही देनी होगी.
इन बॉन्ड पर ले सकते हैं कर्ज
अब दो जरूरी बातें. पहला तो यह कि बॉन्ड (SGB) के आधार पर कर्ज ले सकते हैं. इसके लिए बैंक या वित्तीय संस्थाओं के सोने के बदले कर्ज की योजना के कायदे-कानून लागू होंगे. कितना कर्ज मिलेगा, यह सोने के मौजूदा कीमत के आधार पर मिलेगा.
याद रहे, बॉन्ड (SGB) के आधार पर कर्ज लेना आपके लिए बैंक या वित्तीय संस्थाओं की ओर से मुहैया कराई जाने वाली सुविधा है, आपका अधिकार नहीं.
दूसरी बात ये है कि बॉन्ड (SGB) से जो ब्याज मिलेगा, उस पर आयकर कानून के हिसाब से टैक्स लगेगा, लेकिन मियाद पूरी होने पर जितना फायदा होगा, उस पूंजीगत लाभ पर आपको कोई कर नहीं देना है.
ध्यान रहे कि अगर मियाद के पहले पांच साल पूरी होने पर पैसा निकाल रहे हैं तो मुनाफे पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा. 20 फीसदी की दर से टैक्स के अलावा 4 फीसदी की दर से सेस और सरचार्ज (यदि लागू है) भी लगेगा.
आप चाहे तो इस बॉन्ड (SGB) को अपने बच्चों या परिवार के दूसरे सदस्य के नाम ट्रांसफर कर सकते हैं. याद रखिए कि पैसा लगाते समय किसी को नामित जरूर करें.
लंबे वक्त में चढ़े हैं गोल्ड के दाम
कहते हैं कि सोना और जमीन जायदाद के भाव भले ही थोड़े समय में घटे, लेकिन लंबे समय में भाव बढ़े ही हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल बताता है कि 15 मई 2018 को 1 ग्राम सोने का भाव 2,900.97 रुपये था जो 15 मई 2020 को 4,248.21 रुपये प्रति ग्राम पर पहुंच गया.
13 मई 2021 को 1 ग्राम सोने का भाव 4,310.57 रुपये दर्ज किया गया. भाव के इस गणित को आप शेयर बाजार से तुलना करेंगे तो यह काफी कम लगेगा, लेकिन शेयरों मे निवेश का जोखिम है, उस तरह का जोखिम तो यहां नहीं.
चूंकि, ये योजना भारत सरकार चला रही है तो पैसा डूबने का खतरा नहीं.
पिछली दफा 2,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ
सोने के साथ हम भारतीयों का भावनात्मक लगाव कितना है, यह किसी से छिपा नहीं. यह भी सच है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB), हाथ में पीले धातु होने जैसा अहसास नहीं दे सकता. फिर भी अगर आपको हर साल एक निश्चित ब्याज के अलावा मियाद पूरी होने पर उस समय के हिसाब से पैसा मिल जाए तो इसे चोखा सौदा ही कहा जाएगा.
चलते-चलते जान लीजिए, बीते साल अक्षय तृतीया के ठीक पहले और बाद में लाई गई योजना की दो खेप में करीब 2,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था.