वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को मजबूत करने के लिए 6 स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करने वाला पहला पेपरलेस बजट पेश किया. राष्ट्र निर्माण, रोजगार सृजन, मांग निर्माण पर केंद्रित बजट और जैसा कि वादा किया गया था सीतारमण ने वैसा ही बजट पेश किया, जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.
केंद्रीय बजट प्रस्ताव छह स्तंभों पर निर्भर करता है. स्वास्थ्य और कल्याण, भौतिक और वित्तीय पूंजी और बुनियादी ढांचा, आकांक्षात्मक भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी, नवाचार और रिसर्च एंड डेवलपमेंट, न्यूनतम सरकार और अधिकतम प्रशासन को सुदृढ़ बनाना.
वित्त मंत्री ने न तो किसी के लिए टैक्स रेट बढ़ाया और न ही कोविड से संबंधित कोई सेस लगाया, जिसकी व्यापक रूप से अपेक्षा थी. उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रोथ में जान फूंकने के लिए एसेट मॉनेटाइजेशन के रास्ते को चुना. जैसा कि प्रधानमंत्री ने सही कहा कि यह “विकास का विश्वास” का बजट है. बजट हम सभी को एक बेहतर भारत की दिशा में काम करने का विश्वास प्रदान करता है.
कोविड-19 ने वास्तव में हमारे स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को उजागर किया. वित्त मंत्री ने अगले छह वर्षों में 64,180 करोड़ रुपये के खर्च वाली केंद्र सरकार की नई आत्मनिर्भर स्वस्थ्य भारत योजना का ऐलान किया. इससे देश के स्वास्थ्य ढांचे को बढ़ावा मिलेगा और मजबूत होगा.
सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल के दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, वित्त मंत्री ने टैक्स छूट की घोषणा की. मतलब सेक्शन 80EEA के तहत इंट्रेस्ट पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपए तक की एडिशनल छूट की सीमा को एक साल यानी मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है. साथ ही अफोर्डेबल हाउस बनाने वाले डेवलपर्स को भी अगले एक साल तक टैक्स छूट का फायदा दिया गया है. प्रवासी श्रमिकों के लिए किफायती आवास की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने अधिसूचित अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए टैक्स छूट का ऐलान किया.
रियल एस्टेट सेक्टर खासकर अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए डिमांड में तेजी की इस गति को बढ़ावा देना और रोजगार बनाने में मदद करेगा. इकोनॉमी (Indian Economy) के लिए सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला सेक्टर भी हाउसिंग ही है. करीब 300 उद्योग इससे जुड़े हैं. इसमें- दोनों प्रत्यक्ष नौकरियां और सीमेंट, स्टील, बिजली जैसे सहायक उद्योगों में रोजगार शामिल है.
बैंकों को बेचने और 20000 करोड़ रुपए की रीकैपिटलाइजेशन स्कीम से PSU बैंकों को अपनी क्रेडिट ग्रोथ सुधारने में बड़ी मदद मिलेगी. साथ ही दो पब्लिक सेक्टर बैंक और एक सामान्य बीमा कंपनी के प्रस्तावित निजीकरण के फैसले से सरकार की रिफॉर्म्स के लिए प्रतिबद्धता दिखती है और कुछ संघर्षरत PSUs को इससे अपना प्रदर्शन सुधारने में भी मदद मिलेगी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने शुरुआत में 15,000 स्कूलों को मजबूत करने का ऐलान किया है. ये स्कूल पूरे देश में NEP को लागू करने के लिए एक मेंटर और मॉडल की भूमिका निभाने का काम करेंगे.
वित्त मंत्री ने एक बोल्ड और न्यू ऐज बजट का ऐलान किया है. इसमें नए विचारों के सुझावों को शामिल किया गया, इन विचारों का निष्पादन महत्वपूर्ण है. आर्थिक सर्वेक्षण 2020 के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में वास्तविक GDP ग्रोथ में 11 फीसदी रहने का अनुमान है, जनवरी 2021 में GST संग्रह 1.19 ट्रिलियन रुपए के रिकॉर्ड स्तर को छू रहा है और सभ्य गति से होने वाले टीकों का वितरण, मुझे उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) जल्द ही पटरी पर लौट आएगी.
लेखक, HDFC लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.
Disclaimer: कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।