अभी पूरी दुनिया में बिटकॉइन (Bitcoin) और दूसरी डिजिटल करेंसी के बारे में बात कर रही है. दुनिया के कई बैंकों ने डिजिटल करेंसी की संभावनाओं को देखते हुए इसपर रिसर्च करनी शुरू कर दी है. इसी क्रम में देश का सेंट्रल बैंक (Central Bank) भी अब डिजिटल करेंसी को लाने की तैयारी कर रहा है. RBI ने इस पर काम शुरू कर दिया है. जिस करेंसी को हम इस्तेमाल करते हैं Central Bank Digital Currency (CBDC) उसका एक डिजिटल वर्जन है. इसलिए आने वाले समय में सेंट्रल बैंक यानि RBI खातों पर डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक सिक्के जारी किए जा सकते हैं.
हालांकि, आरबीआई डिजिटल करेंसी विभिन्न कारणों से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी. ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण बिटकॉइन (Bitcoin) होगा. इस तरह की करैंसी ब्लॉक-चेन पर चलती हैं. Central Bank Digital Currency (CBDC) के मामले में इसे जारी करने के साथ इसे सेंट्रलाइज किया जाएगा.
अभी ज्यादातर बैंक अपने अधिकार क्षेत्र में कैश के मैनेजमेंट में एक बडी रकम खर्च करते हैं. ऐसे में इस तरह की डिजिटल करेंसी (Bitcoin) बैंकों की मदद कर सकती हैं और बैंकों की कैश के मैनेजमेंट में लगने वाली धनराशि को कम कर सकती हैं. इसी के साथ लोगों को भी एक डिजिटल अकाउंट दिया जा सकता है. ये अकाउंट भविष्य में लोगों के बहुत काम आ सकता है और उनके मोबाइल फोन पर ही कैश के सुरक्षित लेन-देन की सुविधा दे सकता है. हालांकि, अभी भी सेंट्रल बैंक इस तरह की डिजिटल करेंसी के लिए एक व्यवस्था बनाने विचार कर रहे हैं.
कई सेंट्रल बैंक अभी इस पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं किसी CBDC से उन्हें कोई अतिरिक्त फायदा होगा या नहीं. हालांकि इसमें भारत का मामला दिलचस्प है क्योंकि इसने अत्याधुनिक भुगतान इंटरफेस को विकसित करके फिन-टेक में एक क्रांति ला दी है, जो न्यूनतम लेनदेन लागत पर बस कुछ ही सेकंड के भीतर रुपयों को ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. इधर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) पहले से ही एक डिजिटल करेंसी की संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है. इसलिए, भारत के पास फिनटेक में अपनी मौजूदा उपलब्धियों के निर्माण का एक अवसर है.
(लेखक आर्थिक मामलों के जानकार हैं.)
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