जेप्‍टो से सामान मंगाना पड़ेगा महंगा, कंपनी वसूलेगी प्‍लेटफॉर्म फीस

जेप्‍टो प्रति ऑर्डर 2 रुपए शुल्‍क प्‍लेटफॉर्म फीस के तौर पर वसूलेगा

जेप्‍टो से सामान मंगाना पड़ेगा महंगा, कंपनी वसूलेगी प्‍लेटफॉर्म फीस

आजकल ज्‍यादातर लोग ग्रॉसरी से लेकर खाने-पीने का सामान ऑनलाइन मंगाते हैं. इन्‍ही ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म में जेप्‍टो भी शामिल है. अगर आप इससे सामान ऑर्डर करते हैं तो अब आपको ज्‍यादा पैसे चुकाने होंगे. दरअसल इस क्विक कॉमर्स कंपनी ने ग्राहकों से प्‍लेटफॉर्म फीस वसूलने का फैसला किया है. इसके तहत प्रति ऑर्डर 2 रुपए शुल्‍क किया लाएगा, ऐसा करने वाली जेप्‍टो पहली कंपनी बन गई है.

वर्तमान में जेप्‍टो की प्रतिस्‍पर्धी कंपनियां ब्लिंकिट और स्विगी इंस्टामार्ट ग्रॉसरी के ऑर्डर पर कोई शुल्क नहीं लेते हैं, लेकिन फूड डिलीवरी ऑर्डर देने वाले ग्राहकों से प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेते हैं. मगर जेप्‍टो अब किराने के सामान पर भी प्‍लेटफॉर्म शुल्‍क वसूलेगा. सामान्‍य समय में ये शुल्‍क 2 रुपए होगा. हालांकि पीक ऑवर में यह 10 रुपया भी हो सकता है. बता दें जेप्‍टो इसके अलावा कुछ और चार्ज भी पहले से वसूल रहा है. इनमें से एक ‘लेट नाइट हैंडलिंग फीस’ है. कंपनी कुछ मामलों में रात 11 बजे के बाद दिए गए ऑर्डर पर 15 रुपए लेट फीस लेती है.

प्रॉफिटेबल होने के लिए डिलीवरी चार्ज पर निर्भर नहीं

जेप्‍टो के प्रवक्‍ता का कहन है कि कंपनी प्रॉफिटेबल होने के लिए डिलीवरी शुल्क पर ज्‍यादा निर्भर नहीं रहती है. कंपनी मुनाफे के लिए ऑपरेशनल एफिशिएंसी और लागत में कमी पर विश्वास करती है. ज़ेप्टो अभी डिलीवरी फीस के रूप में 5 से 28 रुपए के बीच ले रहा है, लेकिन शुरुआत में 99 रुपए या 199 रुपए से ऊपर के कार्ट प्राइस के लिए डिलीवरी फ्री थी. यह ग्राहकों की लेनदेन की फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करता है.

जेप्टो की बाजार हिस्सेदारी

जेप्‍टो लगभग 20 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ तीसरी सबसे बड़ी क्विक कॉमर्स कंपनी है. बर्नस्टीन के विश्लेषकों ने जनवरी में एक रिपोर्ट में कहा था कि ज़ोमैटो के ब्लिंकिट की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है, जबकि स्विगी इंस्टामार्ट की हिस्सेदारी 37-39 प्रतिशत है.

Published - March 14, 2024, 03:42 IST