औद्योगिक गतिविधि में तेजी के चलते अकुशल श्रम मांग में मंदी देखने को मिल रही है. जिसके चलते ग्रामीण रोजगार योजना यानी मनरेगा के तहत काम की मांग में भी गिरावट आई है. आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में नवंबर में काम मांगने वाले लोगों की संख्या में (20.98 मिलियन) 6.6% की कमी और काम की तलाश करने वाले परिवारों (17.7 मिलियन) में 4.5% की गिरावट देखने को मिली है. वहीं अक्टूबर के मुकाबले काम की तलाश करने वाले व्यक्तियों और परिवारों दोनों में 4.2% और 3.6% की गिरावट आई है.
डेटा के मुताबिक पांच महीने के गैप के बाद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत व्यक्तियों और परिवारों दोनों की ओर से काम की मांग नवंबर में एक साल पहले की तुलना में कम हो गई. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पिछले महीने FY24 के जारी 60,000 करोड़ रुपए के बजट आउटले के खत्म होने के बाद कार्यक्रम के लिए अतिरिक्त धनराशि जुटाने का सरकार पर दबाव कुछ हद तक कम हो जाएगा.
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से जुटाए गए प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में 20.98 मिलियन व्यक्तियों ने मनरेगा के तहत काम का विकल्प चुना, जो एक साल पहले की तुलना में 6.6% कम है, जो मई के बाद पहली बार कम हुआ है. जबकि अक्टूबर में इसमें 17.6% का जबरदस्त उछाल आया था. हालांकि पहले के महीनों में मांग में वृद्धि के कारण इस वित्तीय वर्ष में नवंबर तक व्यक्तियों की काम की मांग एक साल पहले की तुलना में 4.6% बढ़कर 235.49 मिलियन हो गई है.