दुनिया के पांच सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 2020 के बाद से दोगुनी से अधिक हो गई है. वहीं विश्व को एक दशक में अपना पहला खरबपति मिल सकता है जबकि गरीबी खत्म करने में दो शताब्दियों से अधिक समय लगेगा. ऑक्सफैम ने यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक के पहले दिन अपनी वार्षिक असमानता रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि दुनिया के 10 सबसे बड़े निगमों में से सात में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) या प्रमुख शेयरधारक एक अरबपति हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि 148 शीर्ष निगमों ने 1,800 अरब अमेरिकी डॉलर का मुनाफा कमाया, जो तीन साल के औसत से 52 फीसद अधिक है. अमीर शेयरधारकों को भारी भुगतान किया गया, जबकि करोड़ों लोगों को वास्तविक अवधि के वेतन में कटौती का सामना करना पड़ा. गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम ने सार्वजनिक कार्रवाई के एक नए युग का आह्वान किया, जिसमें सार्वजनिक सेवाएं, कॉर्पोरेट विनियमन, एकाधिकार को तोड़ना और स्थायी धन और अतिरिक्त लाभ करों को लागू करना शामिल है.
असमानता तथा वैश्विक कॉर्पोरेट शक्ति पर ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया के पांच सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 2020 के बाद से 1.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर प्रति घंटे की दर से 405 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुनी से अधिक बढ़कर 869 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई है, जबकि विभाजन के इस दशक में करीब पांच अरब लोग पहले ही गरीब हो चुके हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहा तो एक दशक के भीतर दुनिया को पहला खरबपति मिल जाएगा, लेकिन गरीबी अगले 229 वर्षों तक खत्म नहीं होगी.
ऑक्सफैम इंटरनेशनल के अंतरिम कार्यकारी निदेशक अमिताभ बेहार ने कहा कि असमानता की यह स्थिति कोई दुर्घटनावश उत्पन्न नहीं हुई है. अरबपति वर्ग यह सुनिश्चित कर रहा है कि निगम बाकी सभी की कीमत पर उन्हें अधिक संपत्ति प्रदान करें. ऑक्सफैम के अनुसार, वैश्विक आबादी का सिर्फ 21 फीसद प्रतिनिधित्व करने के बावजूद ‘ग्लोबल नॉर्थ’ के अमीर देशों के पास 69 फीसद वैश्विक संपत्ति है और दुनिया के 74 फीसद अरबपतियों की संपत्ति यहीं है.