पायलट और क्रू मेंबर्स की कमी से जूझ रही एयरलाइन कंपनी विस्तारा इनदिनों कई फ्लाइट कैंसल कर रही है. जिससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी हो रही है, बल्कि इससे खास रूटों का किराया भी बढ़ गया है. क्लियरट्रिप की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों के अनुसार प्रमुख मार्गों पर स्पॉट हवाई किराए में 38 फीसद तक इजाफा हुआ है. मंगलवार को बढ़े स्पॉट हवाई किराए की तुलना 5 मार्च से की गई. स्पॉट हवाई किराया से मतलब उड़ान से 24 घंटे पहले खरीदे गए टिकट की कीमत है.
इन रूटों का बढ़ा किराया
विस्तारा ने दिल्ली-इंदौर, दिल्ली-श्रीनगर, मुंबई-कोच्चि और बेंगलुरु-उदयपुर जैसे रूटों पर लगभग 52 उड़ानें रद्द कर दी हैं, जिससे किराये में बढ़ोतरी हुई है. कैंसल हुई फ्लाइट के बदले तुरंत दूसरी उड़ान सेवा लेने के लिए लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. बेंगलुरु-उदयपुर मार्ग पर 2 अप्रैल को औसत स्पॉट हवाई किराया 6,049 रुपए था, जबकि 5 मार्च को यह 4,368 रुपये था, जो लगभग 38 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है. इसी तरह दिल्ली-श्रीनगर मार्ग पर 2 अप्रैल को औसत स्पॉट हवाई किराया 5 मार्च की तुलना में 30 प्रतिशत बढ़ गया. सूत्रों के अनुसार विस्तारा की उड़ानें रद्द होने से बेंगलुरु-उदयपुर मार्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है क्योंकि दोनों शहरों के बीच रोजाना महज दो उड़ानें ही संचालित होती हैं, जिनमें से एक विस्तारा की है और दूसरी इंडिगो की.
दो दिनों में 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द
एयरलाइन ने पिछले दो दिन में 100 से अधिक उड़ानें रद्द की हैं. संशोधित वेतन संरचना (Revised Pay Structure) के विरोध में पायलटों के एक वर्ग ने पिछले कुछ दिन से बीमार होने की सूचना देकर छुट्टी ली है. जिससे एयरलाइन कंपनी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस सिलसिले में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विस्तारा को उड़ान रद्द होने के साथ-साथ देरी को लेकर रिपोर्ट मांगी है. सूत्रों के अनुसार विस्तारा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) विनोद कन्नन सहित विस्तारा के शीर्ष अधिकारियों ने पायलटों के साथ उनकी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए एक ऑनलाइन बैठक की. जिसमें एचआर समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए.
टाटा ने संभाली विस्तारा की कमान
29 नवंबर, 2022 को टाटा समूह ने विस्तारा-एयर इंडिया के साथ हाथ मिलाया. मर्जर के तौर पर एसआईए ने एयर इंडिया में 2,059 रुपए का निवेश किया और 25.1 प्रतिशत मूल्य के शेयर हासिल किए. अनुमान है कि विलय अगले साल मार्च तक पूरा हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक कर्जर से मर्जर के बाद से कर्मचारी वेतन संरचना में बदलाव देखने को मिलेगा, उन्हें पिछले 70 घंटों के बजाय 40 घंटों के लिए एक निश्चित वेतन मिलेगा.