इंसानों से ज्‍यादा कमा रहें वर्चुअल इंफ्लुएंसर, एक कैंपेन के पा रहें 5-10 लाख रुपए

वास्तविक व्यक्ति को एक कैंपेन के 40,000 से 1 लाख रुपए तक मिल रहे हैं, वहीं एक वर्चुअल इंफ्लुएंसर 5-10 लाख रुपए कमा सकते हैं

इंसानों से ज्‍यादा कमा रहें वर्चुअल इंफ्लुएंसर, एक कैंपेन के पा रहें 5-10 लाख रुपए

आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) ने क्रांति ला दी है. इससे सोशल मीडिया भी अछूता नहीं है. यही वजह है कि इनदिनों वर्चुअल इंफ्लुएंसरों का बोलबाला है. वे इंसानों से ज्‍यादा कमाई कर रहे हैं. एक वास्तविक व्यक्ति को जहां एक कैंपेन के 40,000 से 1 लाख रुपए तक मिल रहे हैं, वहीं एक वर्चुअल इंफ्लुएंसर प्रति अभियान 5-10 लाख रुपए कमा सकते हैं. हालांकि इसके लिए उनके 2 से 4 लाख तक फॉलोअर्स होने चाहिए.

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के रूप में कायरा और नैना ने बड़ी सफलता हासिल की है. ये वर्चुअल इंफ्लुएंसर हैं. टाइटन, रियलमी, एमजी मोटर्स और बोट जैसे नामी ब्रांड ऐसे 3डी-एनिमेटेड इंसानों या वर्चुअल इंफ्लुएंसरों से विज्ञापन करने के लिए अच्‍छा भुगतान कर रहे हैं. ये अपनी रीलों पर 21 मिलियन तक व्यूज के साथ इंस्टाग्राम पर काफी मशहूर हो गए हैं. बता दें कायरा, फ़ुटर स्टूडियोज़ की ओर से बनाई गई है. ये वर्चुअल कैरेक्‍टर टाइटन और बोट जैसे बड़े ब्रांडों के साथ काम करती है. जानकारों का कहना है कि इतने ही फॉलोअर्स वाले इंसानों के मुकाबले एआई कैरेक्‍टर ज्‍यादा कमा रहे हैं. वहीं अवतार मेटा लैब्स की ओर से नैना को तैयार किया गया है. जल्द ही वह ऋचा चड्ढा, सान्या मल्होत्रा, शोभिता धूलिपाला और हंसिका मोटवानी जैसे कलाकारों के साथ अपनी पहली एआई पॉडकास्ट सीरीज लॉन्च करेगी. कायरा पूरी तरह से 3डी-एनिमेटेड कैरेक्‍टर है, जबकि नैना एक हाइब्रिड ज्‍यादा है. दरअसल उस पर एक वास्तविक इंसान के ऊपर एक चेहरा लगाया गया है.

बोट के सह-संस्थापक अमन गुप्ता का कहना है कि कायरा के साथ सहयोग ने बोट को रचनात्मक स्वतंत्रता और कहानी कहने की क्षमता प्रदान की है. इसने असीमित संभावनाओं के रास्‍ते खोले हैं. टाइटन आईकेयर के मार्केटिंग प्रमुख मनीष कृष्णमूर्ति का कहना है कि कंपनी अपने नवीनतम इनोवेशन, आईएक्स स्मार्टग्लास को नए तरीके से पेश करना चाहती थी और कायरा के साथ साझेदारी ने हमें ऐसा करने में सक्षम बनाया. वर्चुअल इंफ्लुएंसर युवा दर्शकों तक पहुंचने में मदद करते हैं. साथ ही इसमें एक सामान्य विज्ञापन शूट की तुलना में कम लागत आती है. ऐसे में ये कंपनियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही हैं.

एवीटीआर मेटा लैब्स के सह-संस्थापक और सीईओ अभिषेक राजदान का कहना है कि उनकी रणनीति वास्तविक दुनिया और वर्चुअल दुनिया के बीच की रेखाओं को धुंधला करना है. हम घटनाओं और कंटेंट के लिए नैना के साथ 3डी और एआई तकनीक का उपयोग करते हैं, हमारे पास एक बॉडी डबल भी है जो वास्तविक दुनिया में नैना की उपस्थिति को सहजता से महसूस कराता है.

Published - November 29, 2023, 02:04 IST