आरबीआई भले ही महंगाई को काबू करने की भरपूर कोशिश कर रहा हो, लेकिन खाद्य महंगाई लोगों का बजट गड़बड़ा रही है. लगतार बढ़ते प्याज, टमाटर और आलू के दाम के चलते वेज थाली महंगी हो गई है. अप्रैल में शाकाहारी थाली की कीमत 8 फीसद बढ़कर 27.4 रुपए हो गई, जो पिछले साल इसी महीने में 25.4 रुपए थी. इस बात की पुष्टि रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की ‘रोटी चावल दर’ रिपोर्ट में हुई है. घर में पकाई गई थाली की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में इनपुट कीमतों के आधार पर की गई है.
क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक शाकाहारी थाली में रोटी, प्याज, टमाटर, आलू, चावल, दाल, दही और सलाद होता है. जबकि मांसाहारी थाली में दूसरे खाद्य पदार्थ वहीं होते हैं, लेकिन चिकन (ब्रॉयलर) दाल की जगह ले लेता है. जिसकी वजह से वेज की तुलना में नॉनवेज थाली ज्यादा सस्ती पड़ती है. अप्रैल में मांसाहारी थाली की कीमत 58.9 रुपए से 4 प्रतिशत गिरकर 56.3 रुपए हो गई है. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के रिसर्च डायरेक्टर पुशन शर्मा के अनुसार आगे भी सब्जियों की कीमतें ऊंची रहने की संभावना है.
पिछले साल से बढ़ रहे वेज थाली के दाम
नवंबर 2023 से शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कीमतें अलग-अलग हो रही हैं. वेज थाली के दाम तब से लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि मांसाहारी थाली सस्ती है. इसका मुख्य कारण ब्रॉयलर की कीमतों में गिरावट है, जबकि प्याज, आलू और टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतों का बढ़ना है. हालांकि रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि सब्जियों की कीमतें स्थिर रहने पर महंगाई से कुछ राहत मिल सकती है.
इन चीजों के रेट में दिखे उतार-चढ़ाव
रिपोर्ट के अनुसार रबी के रकबे में गिरावट आई है और पश्चिम बंगाल में आलू की फसल को नुकसान हुआ है. प्याज की कम आवक होने से भी कीमत में वृद्धि हुई है. चावल और दालों की कीमतों में भी साल-दर-साल14 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हालांकि जीरे में 40 फीसद, मिर्च में 31 फीसद, प्याज में 4 फीसद और वनस्पति तेल में 10 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे शाकाहारी थाली की लागत में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है. मांसाहारी थाली को सस्ता बनाने के लिए ब्रॉयलर चिकन की कीमत में साल-दर-साल 12 प्रतिशत की कमी आई है. आमतौर पर एक थाली की कुल लागत में ब्रॉयलर की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होती है.