बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण को उत्तराखंड सरकार ने तगड़ा झटका दिया है. उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने सोमवार को पतंजलि समूह के 14 उत्पादों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं. इनमें पतंजलि आयुर्वेद की दृष्टि आई ड्रॉप से लेकर दिव्य फार्मेसी की लिवामृत एडवांस और मधुनाशिनी वटी आदि शामिल है. अथॉरिटी ने ये कार्रवाई कंपनी की ओर से अपने प्रोडक्ट को लेकर प्रसारित किए जा रहे भ्रामक विज्ञापनों को देखते हुए की है.
हरिद्वार के औषधि निरीक्षक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि संबंधित फर्म की ओर से इस बारे में कोई जरूरी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई है. साथ ही तथा फर्म की ओर से दिया गया स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया. इसके अलावा संबंधित फर्म ने मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रामक विज्ञापन प्रसारित कराए हैं. ऐसे में ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1945 की धारा 159(1) के प्रावधानों के अनुसार कंपनी की लिस्टेड चुनिंदा दवाओं के उत्पादन पर रोक लगाई है. हालांकि आदेश के खिलाफ अपील के लिए पतंजलि अयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी को तीन महीने का समय दिया गया है.
किन दवाओं के लाइसेंस हुए कैंसल?
जिन दवाओं के लाइसेंस कैंसल किए गए हैं, उनमें दिव्य फार्मेसी के श्वासरि गोल्ड, श्वासरि वटी, ब्रोंकोम, श्वासरि प्रवाही, श्वासरि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट और आईग्रिट गोल्ड भी शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट भी लगा चुका है फटकार
उत्पादों की प्रभावशीलता के लिए कंपनी की ओर से लगातार प्रसारित किए जा रहे भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही योग गुरु रामदेव को फटकार लगा चुका है. इस सिलसिले में बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की ओर से एक माफीनामा छापा गया था. इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट 30 अप्रैल को फिर सुनवाई करने जा रहा है.
पतंजलि फूड्स को मिला जीएसटी बकाया नोटिस
पतंजलि फूड्स पर 27.46 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट न चुकाने को लेकर जीएसटी विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कंपनी ने यह जानकारी एक नियामक फाइलिंग में दी. इसमें बताया गया कि योग गुरु रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है. विभाग ने एकीकृत माल और सेवा कर (आईजीएसटी) अधिनियम, 2017 की धारा 20 के साथ केंद्रीय माल और सेवा अधिनियम, 2017 और उत्तराखंड राज्य माल और सेवा अधिनियम, 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला दिया है. इस पर पतंजलि फूड्स ने कहा कि फिलहाल प्राधिकरण ने केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया है और कंपनी प्राधिकरण के समक्ष अपना बचाव करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगी.