अमेरिकी कंपनियों में बड़े पैमाने में भारतीय काम करते हैं. ऐसे में उनकी सहूलियत के लिए यूएस दिसंबर में एच-1बी वीजा (H-1B visa) की कुछ श्रेणियों के घरेलू नवीनीकरण के लिए एक पायलट प्रोग्राम शुरू करने वाला है. इससे भारतीय कर्मचारियों को जल्द से जल्द अपॉइंटमेंट मिल सकेगी. अमेरिका ने यह कदम जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस दौरे के कुछ महीने बाद लिया है. इससे बड़ी संख्या में भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों को लाभ होगा.
बता दें एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को उन विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है जिन्हें विशेष व्यवसाय में नियुक्त किया जाता है. इसमें वे कर्मचारी शामिल हैं जिनकी जरूरत सैद्धांतिक या तकनीकी क्षेत्र में होती है. यूएस की प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं.
वीजा सेवाओं के लिए उप सहायक सचिव जूली स्टफट का कहना है कि भारत में अमेरिकी वीजा के लिए मांग अभी भी बहुत ज्यादा है. ऐसे में छह, आठ और 12 महीने का इंतजार काफी लंबा है. इसी अवधि को कम करने के मकसद से वीजा का रिन्युअल कार्यक्रम पेश किया जा रहा है. इससे भारतीय यात्रियों को जल्द से जल्द अपॉइंटमेंट मिलेगा. दिसंबर से शुरू होने वाला यह कार्यक्रम तीन महीने की अवधि में उन विदेशी नागरिकों को 20,000 वीजा जारी करेगा जो पहले से ही देश के अंदर हैं. पहले समूह में 20,000 वीजा जारी किए जाएंगे, उनमें से अधिकांश अमेरिका में रहने वाले भारतीय नागरिक होंगे और जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगा इसका विस्तार किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कर्मचारी संयुक्त राज्य अमेरिका में श्रमिकों का सबसे बड़ा कुशल समूह हैं. ऐसे में उम्मीद है कि भारत को इस कार्यक्रम से काफी लाभ होगा.