पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप, सिग्नल, फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर अब जल्द ही लगाम लग सकती है. इन पर दूरसंचार नियामक की नजर होगी. इसके लिए ट्राई एक नई व्यवस्था तैयार करने पर विचार कर रहा है जिस पर खुली चर्चा की जा रही है. ट्राई ऐसी ओटीटी सेवाओं को एक मजबूत रेगुलेटर सिस्टम के तहत लाना चाहता है. इसके लिए सरकार को सिफारिशें भी भेजी जाएंगी. ये बात ट्राई अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कही.
वर्तमान में सरकार ने नए दूरसंचार अधिनियम में ओटीटी को नियामक व्यवस्था से बाहर रखा था, लेकिन अब ट्राई अब ऐसी सेवाओं को नियामक व्यवस्था के तहत लाने की तैयारी में है. ट्राई अध्यक्ष का कहना है कि नियामक तंत्र के मजबूत होने से ओटीटी सेवाओं की निगरानी करने में मदद मिलेगी. यह मामला नए आईटी अधिनियम का हिस्सा होना चाहिए जिस पर फिलहाल काम चल रहा है.
सरकार ने दायरे से रखा था दूर
ट्राई का कहना है कि सरकार ने कंपनियों को लाइसेंसिंग व्यवस्था के तहत लाने की पहल के बावजूद, ओटीटी सेवाओं को दूरसंचार अधिनियम के दायरे से हटा दिया था. ये राज्य और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को उनकी सेवाओं की निगरानी में मदद करता. ऐसे में इसे नियामक दायरे में लाना जरूरी है. इससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रहे गलत कंटेंट को रोकने में भी मदद मिलेगी.
ओटीटी के लिए परामर्श जारी
ट्राई अध्यक्ष का कहना है कि ओटीटी के लिए परामर्श एक संसदीय समिति की सिफारिश के बाद शुरू किया गया था, इसलिए इस पर चर्चा की जा रही है. इस पर सिफारिशें भी दी जाएंगी. हालांकि यह किस अधिनियम का हिस्सा बनता है और कौन सा मंत्रालय या कौन सा नियामक इससे निपटता है यह बाद में तय किया जाएगा. बता दें लोकसभा ने दूरसंचार विधेयक, 2023 को पिछले साल दिसंबर में पारित किया था. यह विधेयक दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क के विकास, विस्तार और संचालन से संबंधित कानून में संशोधन और स्पेक्ट्रम असाइनमेंट और इनसे जुड़े मामलों को कंसॉलिडेट करने की पेशकश करता है.