अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर तेज, भारत बन सकता है डंपिंग ग्राउंड: GTRI

GTRI ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर होने से चीन अब भारत और अन्य बाजारों में माल डंप कर सकता है.

अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर तेज, भारत बन सकता है डंपिंग ग्राउंड: GTRI

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर का सीधा असर भारत पर दिख सकता है. आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रे़ड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर होने से चीन अब भारत और अन्य बाजारों में माल डंप कर सकता है. GTRI कहा है कि अब भारत में वाणिज्य मंत्रालय की जांच करने वाली शाखा डीजीटीआर (DGTR) को सतर्क रहना होगा, ताकि चीन भारत को अपना डंपिंग ग्राउंड न बना सके.

भारतीय बाजार में डंपिंग कर सकता है चीन

GTRI ने कहा है कि अमेरिका, चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए टैरिफ में लगातार बढ़ोतरी कर है. अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरू हो गया है. इस बीच अमेरिका ने चीन को बड़ा झटका देते हुए चीन से इंपोर्ट होने वाले तमाम सामानों पर 100 फीसद तक का टैक्‍स लगा दिया है. इन सामानों में इलेक्ट्रिक वाहन, स्‍टील, एल्‍यूमीनियम, सोलर पैनल और सेमीकंडक्‍टर्स तक शामिल हैं. ऐसे में चीन इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरियों जैसी वस्तुओं को भारत और अन्य बाजार में डंप करने को मजबूर हो सकता है.

भारत को क्या खतरा?

अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वॉर भारत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. GTRI ने कहा है कि अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने से भारत चीन के लिए डंपिंग ग्राउंड बन सकता है. लेकिन भारत को सतर्क रहना होगा और इस पर रोक लगाना होगा. अमेरिका ने अपने देश में चीन के प्रोडक्ट्स को कम करने के लिए 14 मई को कई चाइनीज प्रोडक्ट्स के टैरिफ में बड़ी बढ़ोतरी कर दी है.

GTRI ने क्यों किया अलर्ट?

GTRI ने कहा है कि अब चीन अपने प्रोडक्ट्स के लिए अलग-अलग बाजारों में डंप करने की कोशिश करेगा. लेकिन भारत को इससे इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि इसका सीधा असर सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम पर पड़ सकता है. दरअसल, चीन इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरियां, कंप्यूटर चिप्स और मेडिकल प्रोडक्ट्स जैसी चीजें कम कीमतों पर सेल करता है. गलवान घाटी में हुए झड़प के बाद भारत में चाइनीज प्रोडक्ट्स का लगातार विरोध हो रहा है. ऐसे में, भारत को चाइनीज प्रोडक्ट्स को सीमा के भीतर आने से रोकना होगा.

अमेरिका ने अपनाया आक्रामक रुख

अमेरिका ने चीन को लेकर आक्रामक रुख अपना लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका आने वाले चार सालों में ईवी ड्यूटी को चार गुना बढ़ा सकता है. इतना ही नहीं 2025 तक अमेरिका सेमीकंडक्टर के टैरिफ को दोगुना कर देगा. अमेरिका ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन गलत ट्रे़ड सिस्टम अपना रहा है. ऐसे में, इसके नुकसान को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्रेड एक्ट 1974 के सेक्शन 301 के तहत टैरिफ में बढ़ोतरी करने का निर्देश जारी कर दिया है. अमेरिका का कहना है कि चीन के इस कदम से अमेरिका के बिजनेस को नुकसान हो रहा था.

अमेरिका का फैसला WTO के खिलाफ

अमेरिका के इस रवैये पर GTRI ने कहा है कि अमेरिका का इस तरह टैरिफ में प्रस्तावित बढ़ोतरी करना विश्व व्यापार संगठन (WTO) के प्रावधानों के खिलाफ है. GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि अमेरिका के इस फैसले का भारत को लाभ भी मिल सकता है. भारत के लिए मेडिकल टूल्स जैसे- सिरिंज और नीडल, मेडिकल दस्तानों, फेस मास्क, नैचुरल ग्रेफाइट जैसे प्रोडक्ट्स के लिए विकल्प खुलेंगे. भारत दुनिया के दो दिग्गज के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का फायदा भी उठा सकता है, लेकिन इन हालतों के बीच भारत को सतर्क रहना जरुरी है. चीन इस समय अपने प्रोडक्ट्स के लिए डंपिंग ग्राउंड ढूंढने पर मजबूर है.

Published - May 15, 2024, 12:30 IST