अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने मंगलवार को कहा कि घरेलू एयर कंडीशनर चलाने के लिए भारत की बिजली की मांग 2050 तक नौ गुना बढ़ने का अनुमान है, जो पूरे अफ्रीका की मौजूदा कुल बिजली खपत से अधिक होगी. आईईए ने अपने विश्व ऊर्जा आउटलुक में कहा कि भारत में अगले तीन दशक में दुनिया के किसी भी देश या क्षेत्र की तुलना में ऊर्जा मांग में वृद्धि सबसे अधिक होगी. आईईए ने घोषित नीतिगत परिदृश्यों के तहत भारत की ऊर्जा आपूर्ति 2022 में 42 एक्साजूल (ईजे) से बढ़कर 2030 में 53.7 ईजे और 2050 में 73 ईजे हो जाने का अनुमान है. वहीं घोषित प्रतिज्ञाओं के तहत इसके 2030 तक 47.6 ईजे और 2050 तक 60.3 ईजे हो जाने का अनुमान लगाया है.
घोषित नीतिगत परिदृश्य के तहत तेल की मांग 2022 में 52 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से बढ़कर 2030 में 68 लाख बीपीडी और 2050 में 78 लाख बीपीडी होने का अनुमान है. वहीं घोषित प्रतिज्ञाओं के तहत यह मांग 2030 में 62 लाख बीपीडी और 2050 में 47 लाख बीपीडी हो सकती है. पेरिस स्थित एजेंसी ने कहा कि बिजली की खपत पर AC की जरूरत का प्रभाव पहले से ही स्पष्ट है. बिजली की मांग तापमान पर निर्भर करती है और भारत में इस मांग में तेजी से वृद्धि हुई है.
‘विश्व ऊर्जा आउटलुक’ में कहा गया, कि आईईए परिदृश्यों में घरेलू एयर कंडीशनर को चलाने के लिए बिजली की मांग 2050 तक नौ गुना बढ़ने का अनुमान है, जो टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन सहित हर अन्य प्रमुख घरेलू उपकरण की वृद्धि को पीछे छोड़ देगा. 2050 तक घोषित नीति परिदृश्य में AC के अत्यधिक उपयोग से आवासीय बिजली की मांग नौ गुना बढ़ जाएगी. आईईए ने कहा कि 2050 तक, आवासीय एयर कंडीशनर से भारत की कुल बिजली की मांग आज पूरे अफ्रीका में कुल बिजली की खपत से अधिक होगी।