बढ़ सकती है पशुचारे के निर्यात पर प्रतिबंध की समयसीमा

डीओआरबी का करीब 80 फीसद मवेशियों के चारे के तौर पर उपयोग होता है.

बढ़ सकती है पशुचारे के निर्यात पर प्रतिबंध की समयसीमा

सरकार दूध की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पशु आहार के प्रमुख घटक डी ऑयल्ड राइस ब्रान (डीओआरबी) के निर्यात पर प्रतिबंध को अगले साल मार्च तक बढ़ा सकती है. बता दें कि उद्योग निकायों की ओर से निर्यात प्रतिबंधों को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया जा रहा है. गौरतलब है कि चावल की भूसी से तेल निकालते समय डीओआरबी मिलता है. डीओआरबी का उपयोग कैटलफीड के तौर पर होता है और करीब 80 फीसद मवेशियों के चारे के तौर पर उपयोग होता है.

आशंका जताई जा रही है कि डीओआरबी के ज्यादा निर्यात से घरेलू बाजार में दूध की सप्लाई प्रभावित हो सकती है और उसकी वजह से दूध की कीमतों में इजाफा हो सकता है. बता दें कि नवंबर के महीने में देशभर में दूध का औसत खुदरा भाव 6 फीसद बढ़कर 58.4 प्रति लीटर हो गया है, जबकि पिछले साल इस दौरान दूध का औसत भाव 55 रुपए प्रति लीटर था. हालांकि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी एसईए ने पशुपालन और डेयरी विभाग को पत्र लिखकर प्रतिबंध को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है. संगठन का मानना है कि प्रतिबंध को आगे बढ़ाने से कई क्षेत्रों के लिए दूरगामी नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं.

एसईए ने अपने पत्र में लिखा है कि निर्यात पर प्रतिबंध को बढ़ाने से धान किसानों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उन्हें अपनी उपज का उचित दाम मिलने में दिक्कतें आ सकती हैं. पत्र में लिखा गया है कि डीओआरबी का निर्यात करके भारत तेल उत्पादन में कुछ हद तक आत्मनिर्भरता हासिल करता है. भारत ने वर्षों के प्रयास से सफलतापूर्वक डीओआरबी के लिए एक निर्यात बाजार विकसित किया है. डीओआरबी का निर्यात मुख्य रूप से वियतनाम, थाईलैंड, बांग्लादेश और अन्य एशियाई देशों को किया जाता है. निर्यात नीति में बदलाव से कड़ी मेहनत से कमाई गई बाजार की स्थिति को नुकसान पहुंचने का खतरा है.

Published - November 23, 2023, 04:02 IST