Tesla ने अपने बर्लिन कारखाने में भारतीय बाजार के लिए राइट-हैंड ड्राइव कारों का उत्पादन शुरू कर दिया है. यह 2024 के अंत तक भारत की सड़कों पर उतर सकती है. टेस्ला ने अपनी गीगा बर्लिन सुविधा में भारत जाने वाली इलेक्ट्रिक कारों के लिए उत्पादन शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कम संख्या में निर्मित इन इलेक्ट्रिक कारों का उपयोग भारतीय परिवेश में परीक्षण प्रोटोटाइप के रूप में किया जाएगा. हालाँकि इस बारे में जानकारी नहीं है कि ऑटो कंपनी के कौन से मॉडल भारतीय बाजार के लिए उत्पादित किए जा रहे हैं. उम्मीद है कि मॉडल 3 और मॉडल Y जैसे इलेक्ट्रिक कार मॉडल भारत में पहुंचेंगे.
दिलचस्प बात यह है कि यह खबर उस रिपोर्ट के तुरंत बाद आई है जिसमें कहा गया है कि टेस्ला देश में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग सुविधा स्थापित करने के लिए स्थानों की तलाश के लिए अप्रैल के तीसरे हफ्ते में भारत में एक टीम भेज रही है. कथित तौर पर Tesla लगभग 3 अरब डॉलर के निवेश के साथ अपना भारत में अपना प्लांट स्थापित करने की योजना बना रहा है.
निर्यात और मैन्यूफैक्चरिंग योजना पर काम
रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ला भारत में निर्यात और मैन्यूफैक्चरिंग की योजना पर काम कर रही है. यह भारत सरकार द्वारा इस साल मार्च में अपनी नई ईवी नीति की घोषणा के बाद आया है, जिसमें भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के साथ-साथ स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक कारों के आयात के लिए सीमा शुल्क कम कर दिया गया था. इसके अलावा, इस नीति में कहा गया है कि OEM कम सीमा शुल्क का फायदा तभी उठा सकेंगे जब वे एक निश्चित स्तर के निवेश के साथ भारत में मैन्यूफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित करेंगे.
टेस्ला की सबसे किफायती कार
नवंबर 2023 में, यह बताया गया कि टेस्ला अपनी प्रस्तावित सबसे किफायती कार पर काम कर रही थी, जो कि दो दरवाजों वाली सेडान या एसयूवी होने की संभावना है. यह विशेष रूप से भारतीय बाजार पर केंद्रित है. यह किफायती ईवी जर्मनी में लॉन्च होने वाली है और भारत इस कार के लिए दूसरा बाजार होगा. इस इलेक्ट्रिक कार का निर्माण केवल गीगा बर्लिन में किया जाना है. हालाँकि, भारतीय बाज़ार पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बाद में इसका उत्पादन टेस्ला के भारत मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में भी किया जाएगा.
इन राज्यों में प्लांट लगाने की योजना
टेस्ला कथित तौर मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु पर विचार कर रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह तीनों मुख्य रूप से प्रमुख बंदरगाहों वाले तटीय राज्य हैं जिससे टेस्ला देश में स्थानीय रूप से बनने वाली कारों को विदेशी बाजारों में निर्यात कर सकेगी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि टेस्ला भारत में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कर सकती है जिसमें उसकी सबसे सस्ती नई छोटी कार के उत्पादन के लिए 3 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष निवेश भी शामिल है.