देश की दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने पिछले कुछ समय पहले ही वर्क फ्रॉम होम खत्म किए जाने का ऐलान किया था. कर्मचारियों को वापस दफ्तर बुलाए जाने के बाद अब कंपनी का फोकस ड्रेस कोड पर है. दरअसल बहुत से फ्रेशर्स ने कोरोना काल में टीसीएस ज्वाइन किया था. लंबे अरसे से घर पर काम करने और अब कार्यालय आकर काम करने के दौरान उन्हें कार्यशैली में अंतर लगे, इसलिए कंपनी ड्रेस कोड अमल में लाने पर विचार कर रही है.
इस सिलसिले में कर्मचारियों को हाल ही में एचआर की ओर से मेल भी भेजा गया. मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि कंपनी ने अपने सभी सहयोगियों को वर्किंग डेज पर कार्यालय से काम करने के लिए कहा है. पिछले दो वर्षों में बड़ी संख्या में सहयोगी हमारे साथ जुड़े हैं और वर्चुअल या हाइब्रिड मोड में काम कर रहे हैं. यह सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी है कि वे अच्छी तरह से जुड़े हुए है. दफ्तर से काम करना टीसीएस मूल्यों को बेहतर बनाने में मदद करेगा.
लक्कड़ ने यह भी कहा कि दफ्तर से काम करते समय कर्मचारियों के पहनावे और खुद को और संगठन का प्रतिनिधित्व करने के तरीके से प्रोफेशनलिस्म दिखता है. ड्रेस कोड नीति आधिकारिक जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को पूरा करते समय सही कपड़े पहने जाने के बारे में बताती है. टीसीएस की ड्रेस कोड नीति के अनुसार, सहयोगियों को सोमवार से गुरुवार तक बिजनेस कैजुअल कपड़े जैसे पतलून (पुरुष) और बिजनेस ड्रेस (महिला) के साथ पूरी बाजू की शर्ट और सेमिनार/सेमिनार जैसे खास औपचारिक कार्यक्रमों जैसे शिखर सम्मेलन और ग्राहक दौरे में बिजनेस फॉर्मल पहनना जरूरी है. नीति के तहत केवल शुक्रवार को स्मार्ट कैज़अल कपड़ों की अनुमति दी जाएगी.
विश्लेषकों का कहना है कि पिछले 2-3 वर्षों के दौरान आईटी कंपनियों में शामिल होने वाले नए लोगों ने कार्यालय परिसर में न तो देखा है और न ही वहां काम किया है. इसके अलावा, ये युवा जो ज्यादातर कॉलेज पासआउट हैं, उन्हें औपचारिक पहनावे के बारे में और अधिक सीखने की जरूरत है.